Safiullah Kasuri: इधर एशिया कप में भारत के पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ ना मिलाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर भारत को धमकी दी है. कसूरी ने कहा “इंशाअल्लाह… नदियां, बांध, कश्मीर, सब कुछ हमारा होगा.” हाफिज सईद का आतंकवादी सैफुल्लाह कसूरी ही वह कायर है जिसने पहलगाम हमले की साजिश रची थी.
भारत को दी ये धमकी
सैफुल्लाह कसूरी ने सिंधु जल संधि और जम्मू-कश्मीर को निलंबित करने के भारत के फैसले पर ज़हर उगला. सैफुल्लाह ने कहा, “इंशाअल्लाह, वह समय नज़दीक आ रहा है जब ये नदियां और उनके बांध हमारे होंगे. पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा होगा, और भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे.” सैफुल्लाह ने आगे कहा “हम पाकिस्तान की रक्षा करना बखूबी जानते हैं. दुश्मन से बदला लेना भी हम बखूबी जानते हैं.”
पहलगाम में 26 लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए. यह हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है. हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है, जो लश्कर का उप प्रमुख है और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से उसके घनिष्ठ संबंध हैं.
रिपोर्टों में खुलासा किया गया है कि खालिद पाकिस्तानी सेना को भड़का रहा है और युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा है. 2019 में उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को ठंडा नहीं पड़ने देना चाहिए.
सैफुल्लाह खालिद कौन है?
सैफुल्लाह खालिद या सैफुल्लाह कसूरी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन टीआरएफ का अध्यक्ष है. वह पाकिस्तान में लश्कर के पेशावर कार्यालय का प्रमुख भी है और कथित तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट से अपनी गतिविधियां संचालित करता है.
पहलगाम आतंकवादी हमले से दो महीने पहले, खालिद ने कथित तौर पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कंगनपुर का दौरा किया था, जहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है. इसी तरह खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक बैठक में खालिद ने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए. “मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी, 2025 है. हम 2 फरवरी, 2026 तक कश्मीर पर कब्ज़ा करने की पूरी कोशिश करेंगे. आने वाले दिनों में, हमारे मुजाहिदीन हमले तेज़ कर देंगे.”
खालिद ने लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों से आतंकवादी अभियानों के लिए लोगों का चयन किया. एक खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल एबटाबाद के जंगलों में आयोजित एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर में सैकड़ों पाकिस्तानी युवकों ने भाग लिया था.
यह शिविर लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखाओं, पीएमएमएल और एसएमएल द्वारा संचालित किया जाता था. खालिद भी इस शिविर में शामिल होता था जहां वह आतंकवादी अभियानों के लिए लोगों का चयन करता था. बाद में इन रंगरूटों को लक्षित हत्याओं के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता था.
रिपोर्टों के अनुसार, खालिद मध्य पंजाब प्रांत के लिए जमात-उद-दावा (JuD) की समन्वय समिति में भी काम कर चुका है. JuD को LeT का एक छद्म नाम माना जाता है और दिसंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया था.

