रांची से मनीष मेहता की रिपोर्ट: झारखंड के चतरा जिले में पिछले 48 घंटे से जारी मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। नदियां उफान पर हैं, पुल-पुलिया बह गए हैं और सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। हालात इतने भयावह हैं कि जिले के कई गांव चारों ओर से पानी से घिरकर टापू बन गए हैं।
3 लोगों की मौत, कई घरों में घुसा पानी
जानकारी के अनुसार ,चतरा में मूसलाधार बारिश का कहर अभी भी जारी है, 3 लोगों की मौत और कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं , बाढ़ जैसे हालात में अब तक 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है। मृतकों में इटखोरी के बनथु गांव निवासी कृष्णा सिंह, गिधौर निवासी रीना देवी और उनके पति सत्येंद्र दांगी शामिल हैं। वहीं, दर्जनों मवेशियों की भी मौत हो गई है। कई परिवारों के घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं।
स्कूल और सरकारी दफ्तर डूबे
गिधौर स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय मंझगांवत्तरी का भवन ढह गया। इसी परिसर से होकर गुजर रहा 11 हजार वोल्ट का बिजली का पोल भी भवन पर गिर पड़ा। सौभाग्य से उस वक्त स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
इसके अलावा कस्तुरबा विद्यालय, प्रखंड सह अंचल कार्यालय और बीआरसी भवन में भी पानी भर गया, जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
बिजली आपूर्ति बाधित
लगातार बारिश और तेज हवाओं से कई जगह बिजली के पोल गिर गए और बह गए हैं। नतीजतन जिले के अधिकांश हिस्सों में लगभग 40 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही।
प्रशासन अलर्ट
डीसी ने बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने और तत्काल राहत कार्य शुरू करने का निर्देश सभी बीडीओ और सीओ को दिया है। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। वहीं, मृतक चौकीदार को सलामी देकर श्रद्धांजलि भी दी गई।
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1980 के बाद सबसे भयावह बारिश
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 1980 के बाद पहली बार इतनी भीषण वर्षा देखने को मिली है। लोग इसे प्राकृतिक आपदा मानते हुए प्रशासन से त्वरित राहत की मांग कर रहे हैं।