रांची से मनीष मेहता की रिपोर्ट
Ranchi Report: झारखंड में खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सोमवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्य के सभी उपायुक्त ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, जबकि खाद्य सचिव उमाशंकर सिंह सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि कोई भी योग्य लाभुक योजना से वंचित न रहे, इसके लिए मृत लाभुकों को चिन्हित कर हटाने और नए पात्र लाभुकों को तुरंत शामिल करने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि लाभुकों का केवाईसी शत-प्रतिशत पूरा हो और डेटा में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे। साथ ही हर माह भौतिक निरीक्षण कर रिकॉर्ड और बुक कीपिंग को अप-टू-डेट रखने का आदेश दिया।
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साल में दो बार धोती-साड़ी वितरण अनिवार्य
मुख्य सचिव ने निर्धन परिवारों के बीच साल में दो बार धोती और साड़ी वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उड़नदस्ता टीम बनाकर वितरण व्यवस्था की जांच करने और कहीं भी अनियमितता न होने पर सख्ती से नजर रखने को कहा। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लाभुक पूरी तरह जागरूक रहें, इसके लिए होर्डिंग, फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक और स्थानीय भाषा का उपयोग अनिवार्य है।
गोदामों को 20 सितंबर तक करें कार्यशील
बैठक में यह बात सामने आई कि कई गोदाम मामूली कमियों के कारण उपयोग में नहीं हैं। इस पर मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को 20 सितंबर तक गोदामों को कार्यशील बनाने की सख्त समय सीमा दी। उन्होंने कहा कि दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होनी है, इसलिए भंडारण और भुगतान प्रणाली को पहले ही सुव्यवस्थित करना जरूरी है। सहकारिता विभाग के गोदामों का भी आकलन कर उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
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नियंत्रण और निगरानी
मुख्य सचिव ने कहा कि समय पर खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने के लिए उसका समय पर उठाव जरूरी है। इस पर निगरानी रखने के लिए राज्य स्तर पर सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।
बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा है कि गरीब और पात्र लाभुक को योजनाओं का लाभ बिना देरी मिले और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे।