Kokilaben Ambani: रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की पत्नी और मुकेश अंबानी व अनिल अंबानी की माँ कोकिलाबेन अंबानी की अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोकिलाबेन अंबानी को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया है और मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। कोकिलाबेन की अचानक तबीयत खराब होने के कारण पूरा अंबानी परिवार मुंबई पहुँच गया है। आपको बता दें कि अंबानी परिवार की ओर से अभी तक कोकिलाबेन के स्वास्थ्य से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
वरिष्ठ नागरिकों को इन बीमारियों का है ख़तरा
एनसीओए(NCOA) के अनुसार, उम्र, फैमिली जेनेटिक और लिंग के कारण, बुजुर्गों के लिए क्रोनिक डिजीज से बचना लगभग असंभव हो जाता है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों में इन बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है-
उच्च कोलेस्ट्रॉल
बढ़ती उम्र के साथ शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा होने लगता है, जिससे ख़राब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। इससे आपकी धमनियों में रुकावट पैदा होती है और हृदय रोग बढ़ जाते हैं।
गठिया की बीमारी
बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में चिकनाई और कार्टिलेज टूटने लगते हैं, जिससे घुटनों और जोड़ों में दर्द होने लगता है। इससे व्यक्ति को चलने-फिरने में काफ़ी परेशानी हो सकती है।
मोटापा बढ़ना
बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक गतिविधियाँ कम होने लगती हैं और मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है और मोटापा बढ़ने लगता है।
मधुमेह
बढ़ती उम्र के साथ इंसुलिन संवेदनशीलता कम होने लगती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर असंतुलित हो जाता है। ऐसे में मधुमेह आँखों, गुर्दों और तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुँचाने लगता है।
कैंसर का खतरा
कुछ मामलों में, उम्र बढ़ने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने के कारण, शरीर कैंसर कोशिकाओं को नियंत्रित नहीं कर पाता, जिससे प्रोस्टेट, स्तन और कोलन कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है।
हृदय रोग
वरिष्ठ नागरिकों में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की समस्या बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोगों का ख़तरा बढ़ जाता है।
मानसिक तनाव
वृद्धों में अकेलापन और शरीर की कमज़ोरी अक्सर मानसिक तनाव बढ़ा सकती है, जिससे व्यक्ति में अवसाद भी बढ़ सकता है।
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सीओपीडी(COPD)
धूम्रपान की आदतों और प्रदूषण के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने लगती है, जिससे वृद्धों को साँस लेने में कठिनाई, थकान और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
अस्थमा
वृद्धों में फेफड़ों की कमज़ोरी और लचीलेपन की कमी अक्सर अस्थमा की समस्या को बढ़ा सकती है।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।