US Immigration Rules 2025: अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों और अन्य अप्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने 30 अक्टूबर, 2025 से वर्क परमिट (EAD) के ऑटोमैटिक रिन्यूअल की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है. जिन अप्रवासियों के वर्क परमिट का नवीनीकरण लंबित है, वे अब काम जारी नहीं रख पाएंगे.
इस अचानक फैसले ने प्रवासी समुदाय, कानूनी विशेषज्ञों और कंपनियों के बीच चिंता पैदा कर दी है. पहले, ऑटोमैटिक रिन्यूअल के जरिए लोग आवेदन करते हुए भी काम जारी रख सकते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम का अमेरिकी कार्यबल पर असर पड़ेगा, क्योंकि EAD नवीनीकरण प्रक्रिया में पहले से ही महीनों लग जाते हैं. इससे अमेरिका में कानूनी रूप से काम कर रहे अप्रवासियों की नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी.
भारतीय नागरिकों पर पड़ेगी सबसे ज्यादा असर
इस फैसले का सबसे ज़्यादा असर भारतीय नागरिकों, खासकर H-1B वीज़ा धारकों के जीवनसाथियों पर पड़ेगा जो EAD के जरिए अमेरिका में काम कर रहे हैं. अब उन्हें हर बार एक नया आवेदन जमा करना होगा और DHS द्वारा सुरक्षा जांच से गुजरना होगा. इसके अलावा, OPT कार्यक्रम (अध्ययन के बाद काम करने वाले छात्र) के तहत काम करने वाले भारतीय छात्र भी प्रभावित होंगे.
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इन पर नहीं लागू होगा ये नियम
हालांकि, यह नियम ग्रीन कार्ड धारकों, प्राथमिक H-1B आवेदकों, और L-1 तथा O-1 वीज़ा धारकों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि उन्हें EAD की आवश्यकता नहीं होती है. DHS ने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह कदम सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी को रोकने, संभावित रूप से खतरनाक व्यक्तियों की पहचान आसान बनाने और व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है.
नियम की हो रही आलोचना
इमिग्रेशन विशेषज्ञों और कानूनी संगठनों ने इस नियम की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि बिना पूर्व सूचना के नियमों में बदलाव करने से हज़ारों कुशल प्रवासी कामगारों और उनके नियोक्ताओं को परेशानी हो रही है, जिसका असर अमेरिका की आर्थिक उत्पादकता पर भी पड़ सकता है.