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नेपाल के बाद Gen-Z ने एक और देश में करवाया तख्तापलट, मुल्क छोड़ कर भागे प्रेसिडेंट

Madagascar Coup: नेपाल के बाद अब मेडागास्कर में Gen-Z ने तख्तापलट करवाया है. जिसके बाद प्रेसिडेंट राजोइलिना को मुल्क छोड़ कर भागना पड़ा.

By: Shivi Bajpai | Published: October 15, 2025 7:32:00 AM IST



Madagascar: मेडागास्कर में एक बड़ा पॉलिटिकल संकट खड़ा हो गया है. देश की एक खास मिलिट्री यूनिट CAPSAT ने सत्ता पर कब्ज़ा करने का एलान किया है. आर्मी कर्नल माइकल रैंड्रियनिरिना ने कहा कि आर्मी और जेंडरमेरी (एक तरह की पुलिस फोर्स) के ऑफिसर अब एक काउंसिल बनाएंगे, और जल्द ही एक सिविलियन प्राइम मिनिस्टर (civilian prime minister) अपॉइंट किया जाएगा, जो नई सरकार बनाएगा.

कर्नल माइकल के ऐलान से कुछ समय पहले पार्लियामेंट में प्रेसिडेंट एंड्री राजोइलिना (President Andry Rajoelina) के खिलाफ इंपीचमेंट मोशन (Impeachment Motion) पेश किया गया था. मोशन 130 वोटों से पास हुआ. 163 मेंबर वाली पार्लियामेंट में मोशन पास करने के लिए सिर्फ दो-तिहाई वोटों की जरूरत थी. Gen-Z युवाओं के प्रोटेस्ट और मिलिट्री तख्तापलट (Military coup) की वजह से राजोइलिना वोटिंग से पहले ही देश छोड़कर भाग गए.

प्रेसिडेंट ने जारी किया वीडियो 

प्रेसिडेंट राजोइलिना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो मैसेज में कहा कि उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की वजह से देश छोड़ दिया है और फिलहाल एक सुरक्षित जगह पर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह सत्ता पर कब्ज़ा करने की एक गैर-कानूनी कोशिश थी और संविधान का पालन किया जाना चाहिए.

प्रोटेस्ट क्यों हुए? (Why did the protests happen in Madagascar ?)

Gen Z युवाओं ने 25 सितंबर को प्रेसिडेंट राजोइलिना के खिलाफ प्रोटेस्ट करना शुरू किया. शुरू में बिजली और पानी की कमी की वजह से प्रोटेस्ट शुरू हुआ, लेकिन बाद में यह करप्शन, बेरोज़गारी, महंगाई और शिक्षा की खराब हालत के खिलाफ गुस्से में बदल गया.

मेडागास्कर में लगभग 75% लोग गरीबी में रहते हैं. बेसिक ज़रूरतों की कमी और करप्शन ने लोगों के गुस्से को और बढ़ा दिया है. मिलिट्री के सपोर्ट से लोगों को लगता है कि अब बदलाव मुमकिन है.

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लोगों के लिए मिलिट्री सपोर्ट

11 अक्टूबर को CAPSAT सैनिकों ने लोगों के साथ जुड़ने का फैसला किया और प्रोटेस्ट में शामिल हो गए. यह वही यूनिट है जिसने 2009 में तख्तापलट करके राजोइलिना को सत्ता में लाया था. अब वही आर्मी उनके खिलाफ हो गई है. 2009 में राजोइलिना ने बड़े प्रोटेस्ट के ज़रिए उस समय के प्रेसिडेंट मार्क रावलोमनाना को हटा दिया था. अब वही हालात उनके खिलाफ हो गए हैं. पार्लियामेंट ने उन्हें हटाने के लिए वोट किया और मिलिट्री ने उनकी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया.

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