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Gaza News: गाजा के बच्चों की जिंदगी तबाह कर देगी यह बीमारी? तेजी से बढ़ रहा प्रकोप, लाचार होकर देख रहे डॉक्टर

Gaza Paralytic Cases on Rise: जब भी इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ता है कि गाज़ा में लोग भूख से मर रहे हैं, तो वे हमेशा इससे इनकार करते हैं। लेकिन गाज़ा की हकीकत कहीं ज़्यादा भयावह है। यहाँ लोग कुपोषण के कारण गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं।

By: Deepak Vikal | Published: August 19, 2025 2:35:53 PM IST



Gaza Paralytic Cases on Rise: इजराइल और गाज़ा के बीच चल रहे रहे युद्ध के चलते गाज़ा की हालत लगातार भयावह होती जा रही है। यहाँ लोग कुपोषण के कारण गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। इस समय गाज़ा में एक ख़तरनाक वायरस फैल रहा है, जिससे लकवा जैसी बीमारियाँ हो रही हैं। बच्चों के लिए स्थिति सबसे ज़्यादा भयावह है, क्योंकि वे लगातार भूखे रहते हैं और शरीर को ज़रूरी विटामिन नहीं मिल पाते।

डॉक्टरों के अनुसार, गाज़ा में इन दिनों एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। यह एक दुर्लभ सिंड्रोम है जिसमें मांसपेशियाँ अचानक कमज़ोर हो जाती हैं और मरीज़ को साँस लेने और निगलने में तकलीफ़ होने लगती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की संक्रामक बीमारियों के फैलने का मुख्य कारण इज़राइली बमबारी के कारण गाज़ा की सीवेज और सफाई व्यवस्था का पूरी तरह से चरमरा जाना है।

2 साल में बढ़े हैं मामले

पोलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 से पहले यह बीमारी बहुत दुर्लभ थी और हर साल इसके सिर्फ़ 12 मामले ही सामने आते थे। लेकिन पिछले तीन महीनों में लगभग 100 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जॉर्डन और इज़राइल भेजे गए लैब नमूनों में एंटरोवायरस की पुष्टि हुई है। यह वायरस संक्रमित पानी और गंदगी से फैलता है। खान यूनिस की गलियों में गंदा पानी और सीवेज जमा होना आम बात है। इसके साथ ही, गुलियन बार सिंड्रोम के मामले भी तेज़ी से सामने आ रहे हैं।

बच्चों हो रहे सबसे ज्यादा प्रभावित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 31 जुलाई तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों में 32 मामले दर्ज किए गए हैं। संगठन ने माना कि इसकी वजह एक ओर मज़बूत निगरानी व्यवस्था है, तो दूसरी ओर गाज़ा में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, कुपोषण और गंदगी भी है। WHO के अनुसार, इस साल जाँचे गए लगभग 70% मामलों में गैर-पोलियो एंटरोवायरस पाया गया है, जबकि पहले यह आँकड़ा केवल 26% था।

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इलाज की सुविधाओं और दवाओं की कमी

डॉक्टरों का कहना है कि इलाज के विकल्प लगभग न के बराबर हैं। गाजा के अल-शिफा अस्पताल, जिसे 2024 की शुरुआत में इज़राइल ने भारी नुकसान पहुँचाया था, में अब तक गिलियन-बार सिंड्रोम के 22 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है और 12 बच्चे स्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो गए हैं। इस बीमारी के लिए इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIG) और प्लाज्मा एक्सचेंज जैसे आधुनिक उपचारों की आवश्यकता होती है। लेकिन गाजा में न तो ये दवाएँ उपलब्ध हैं और न ही उपचार मशीनें, क्योंकि इज़राइली नाकेबंदी के कारण बुनियादी चिकित्सा आपूर्ति भी उपलब्ध नहीं है।

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