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शहबाज सरकार की बड़ी कार्रवाई, सैकड़ों सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को भेजा जेल; किस बात का सता रहा पाक पीएम को डर?

Pakistan News: लाहौर के पास मुरीदके में पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों में कई पुलिसकर्मियों सहित कई लोग मारे गए हैं.

By: Shubahm Srivastava | Published: October 24, 2025 5:10:07 AM IST



Pakistan News: पाकिस्तान की साइबर अपराध निरोधक एजेंसी ने गुरुवार (23 अक्टूबर, 2025) को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. एजेंसी ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में 107 सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और 75 अकाउंट ब्लॉक कर दिए. पंजाब की सूचना मंत्री आज़मा बुखारी ने लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस कार्रवाई की जानकारी दी.

आजमा बुखारी ने कहा कि सरकार ऑनलाइन नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं पर धार्मिक उन्माद भड़काने और राज्य विरोधी दुष्प्रचार करने का आरोप है.

पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब लाहौर के पास मुरीदके में पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़पों में कई पुलिसकर्मियों सहित 16 लोग मारे गए हैं और 1,600 से ज़्यादा घायल हुए हैं. ये झड़पें इज़राइल विरोधी प्रदर्शनों से शुरू हुईं, जो बाद में हिंसक हो गईं.

 6,000 से ज़्यादा टीएलपी कार्यकर्ता गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से 6,000 से ज़्यादा टीएलपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है. सरकार ने टीएलपी से संबद्ध 61 मदरसों को सील कर दिया है और उनके संचालन का नियंत्रण पंजाब सरकार के औकाफ विभाग को सौंप दिया है.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, टीएलपी लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ संदेश फैलाने और राज्य-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल रहा है. नतीजतन, सुरक्षा एजेंसियों ने संगठन पर निगरानी बढ़ा दी है.

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पुलिस पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने का आरोप

दूसरी ओर, टीएलपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों लोग मारे गए और हज़ारों घायल हुए. उनका कहना है कि प्रदर्शनकारियों का इरादा केवल फ़िलिस्तीन के समर्थन में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना था.

इस कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठनों पर सरकारी कार्रवाई और सोशल मीडिया पर निगरानी को लेकर बहस तेज़ हो गई है.

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