अनिल चौधरी की रिपोर्ट, Lawyer Protest, Ghaziabad: विजयनगर थाना क्षेत्र से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। अधिवक्ता विपिन कुमार ने आरोप लगाया है कि वह अपने मुवक्किल की पैरवी के सिलसिले में पैदल जा रहे थे, तभी थाना विजयनगर पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार और मारपीट की गई। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय परिवर्तन शक्ति संगठन ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त गाजियाबाद को ज्ञापन सौंपकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
कचहरी परिसर में धरने पर बैठे वकील
इतना ही नहीं सैकड़ो की तादाद में वकील आज कचहरी परिसर में धरने पर बैठ गए है और उचित कार्रवाई की लगातार मांग कर रहे हैं। संगठन के महामंत्री धर्मवीर सिंह एडवोकेट ने ज्ञापन में बताया कि 24 अगस्त 2025 को सुबह 11:15 बजे अधिवक्ता विपिन कुमार, जो कि राजनगर स्थित सिविल कोर्ट के पास रहते हैं, अपने मुवक्किल की पैरवी करने विजयनगर थाना क्षेत्र में जा रहे थे। इस दौरान थाना पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और कथित तौर पर जातिसूचक गालियां देते हुए करीब डेढ़ घंटे तक थाने में बंद रखा।
नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन
इस दौरान अधिवक्ता के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट भी की गई। संगठन का कहना है, कि यह घटना न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि अधिवक्ताओं और नागरिकों के मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन है। अधिवक्ता समाज और आम जनता के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं, जो न्याय और कानून का राज स्थापित करने के लिए जीवनभर कार्य करते हैं। ऐसे में उनके साथ पुलिस द्वारा इस तरह का व्यवहार पूरे अधिवक्ता समाज का अपमान है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि पुलिसकर्मी अधिवक्ताओं के साथ जातिवादी व्यवहार और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे समाज में अराजकता और तनाव का माहौल पैदा होगा।
सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन के तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग
यह स्थिति न केवल अधिवक्ता समाज बल्कि पूरे जनमानस के लिए असहनीय होगी।संगठन ने मांग की है, कि अधिवक्ता विपिन कुमार की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन तत्काल ठोस कदम उठाए। साथ ही घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यदि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता तो अधिवक्ता समाज आंदोलन करने को विवश होगा। धर्मवीर सिंह एडवोकेट ने कहा कि अधिवक्ता हमेशा समाज और न्याय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कार्यरत रहते हैं। ऐसे में उनके साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि अधिवक्ताओं की गरिमा और सुरक्षा बनाए रखने के लिए दोषी पुलिसकर्मियों पर तुरंत विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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