अनिल चौधरी की रिपोर्ट, Delhi–Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 18 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हादसों पर रोक लगाना और ट्रैफिक को ज्यादा सुचारु बनाना है।
योजना में क्या होगा खास
अधिकारियों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे के करीब 15 किलोमीटर लंबे हिस्से पर दोनों ओर मजबूत फेंसिंग लगाई जाएगी। इसका मकसद यह है कि प्रतिबंधित वाहन गलती से भी एक्सप्रेसवे में प्रवेश न कर सकें। इसके अलावा अंडरपास और मुख्य मार्गों पर अधिक साइनबोर्ड लगाए जाएंगे ताकि यात्रियों को समय रहते दिशा और नियमों की सही जानकारी मिल सके। योजना के तहत ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर मशीनें भी लगाई जाएंगी। इनकी मदद से नियम तोड़ने वाले वाहनों की पहचान तुरंत हो सकेगी और चालान की प्रक्रिया तेज होगी। वहीं, हर एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट पर पुलिस बूथ और ट्रैफिक बूथ बनाए जाएंगे ताकि मौके पर ही निगरानी और कार्रवाई की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि डिजाइन को मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा और इसे 7 से 8 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
हादसे के बाद बढ़ी सख्ती
यह फैसला हाल ही में हुए दर्दनाक हादसे के बाद लिया गया है। 22 अगस्त को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर IPEM कॉलेज क्षेत्र में एक तेज रफ्तार कार ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी विपिन कुमार को टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया। इस हादसे ने एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा इंतजामों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद पुलिस लगातार सख्ती की मांग कर रही थी।
पुलिस की चुनौतियां
गाजियाबाद एडीसीपी ट्रैफिक सचिदानंद के अनुसार, पुलिस ने एनएचएआई से बैठक कर हर एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट पर पुलिस बूथ लगाने का प्रस्ताव दिया था। उनका कहना है कि ट्रैफिक संभालते समय पुलिसकर्मी लगातार खतरे में रहते हैं, इसलिए अब मूवेबल बैरिकेड्स भी लगाए जाएंगे ताकि वाहनों पर निगरानी और ज्यादा प्रभावी हो सके।
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एंट्री-एग्जिट प्वॉइंट्स पर दबाव
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भोजपुर, खोड़ा, डासना, IPEM कॉलेज और ABES कॉलेज के पास मुख्य एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट्स हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मी लगातार यह सुनिश्चित करते हैं कि दोपहिया और ट्रैक्टर जैसे प्रतिबंधित वाहन एक्सप्रेसवे में प्रवेश न करें। इसके बावजूद कई बार ड्राइवर एग्जिट मिस कर जाते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं, जिससे अचानक जाम की स्थिति बन जाती है। त्योहारों और पीक आवर के दौरान यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। नई योजना लागू होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर न केवल ट्रैफिक और अधिक व्यवस्थित होगा बल्कि सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

