Home > उत्तर प्रदेश > लौट आया पुराना याराना! ‘सपा के साथ मेरा रिश्ता मियां-बीवी जैसा’, अखिलेश के इजहार पर बोले आजम खान

लौट आया पुराना याराना! ‘सपा के साथ मेरा रिश्ता मियां-बीवी जैसा’, अखिलेश के इजहार पर बोले आजम खान

Akhilesh Yadav Meet Azam Khan: यूपी के रामपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज कद्दावर नेता आजम खान से मिलने रामपुर पहुँचे. जौहर यूनिवर्सिटी में अखिलेश यादव को देखते ही आजम खान ने उन्हें गले लगा लिया.

By: Ashish Rai | Published: October 8, 2025 5:47:45 PM IST



Azam Khan: यूपी के रामपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज कद्दावर नेता आजम खान से मिलने रामपुर पहुँचे. जौहर यूनिवर्सिटी में अखिलेश यादव को देखते ही आजम खान ने उन्हें गले लगा लिया. इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से घर के लिए रवाना हो गए. मीडियाकर्मियों और पार्टी के अन्य नेताओं को आवास से कुछ ही दूरी पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया.अखिलेश यादव और आजम खान के बीच मुलाकात करीब एक घंटे तक चली.

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अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम खान ने क्या कहा?

अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजम खान ने न्यूज़18 से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सपा से उनका रिश्ता मियां-बीवी जैसा है. समाजवादी पार्टी से अपने भविष्य के रिश्ते के बारे में उन्होंने कहा कि उनके परिवार की दो पीढ़ियाँ उस परिवार से जुड़ी रही हैं; मेरी ज़िंदगी खत्म हो गई है, अब मेरे बच्चे हैं.

हमें तय करना है कि कौन हमारा है और कौन नहीं: आजम खान

आजम खान ने आगे कहा कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने बस इतना कहा कि उन्हें तय करना है कि कौन उनका है और कौन नहीं. समाजवादी पार्टी में बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं एक अच्छा इंसान बना रहना चाहता हूँ. मैंने हमेशा सच कहा है और फिर से कहूँगा.”

आज़म खान से मिलकर भावुक हुए अखिलेश

इससे पहले, आज़म खान से मिलने के बाद, अखिलेश यादव ने X पर तीन तस्वीरों के साथ एक कविता शेयर की. सपा प्रमुख ने लिखा, “क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्ताँ, जहां बस जज्बातों ने खामोशी से बात की”. अखिलेश की इस कविता की कई तरह से व्याख्या की जा रही है। आज़म खान के जेल जाने के बाद यह उनकी आज़म खान से पहली मुलाक़ात थी. अखिलेश ने परोक्ष रूप से इसे भावनाओं से भरी मुलाक़ात बताया, जहाँ बातचीत कम हुई, लेकिन शब्दों से ज़्यादा खामोशी अहम थी.

पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा

इसे आजम की उस शायरी का जवाब भी माना जा रहा है जिसे उन्होंने दो सप्ताह पहले कही थी. जेल में रहते हुए आपने क्या महसूस किया? मीडिया के इस प्रश्न के उत्तर में आजम ने तब कहा था, “पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा, हाल हमारा जाने है.” मीर तकी मीर के इस गजल की अगली पंक्ति है, “जाने न जाने गुल ही न जाने, बाग तो सारा जाने है.” शायर इस शेर में व्यंग्य और गहरी पीड़ा में ये कहने की कोशिश करता है कि उसकी तकलीफ इतनी जाहिर है कि प्रकृति की हर चीज जानती है, हालाँकि जिस पर इसका सबसे अधिक असर होना चाहिए, वह ही अनजान बना हुआ है. आजम की इस पीड़ा को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव आज उनसे मुलाकात कर कम करने की कोशिश करते दिखे. मीडिया से बात करते हुए आजम खान की जमकर सराहना की. अखिलेश ने कहा कि वह बहुत पुराने लीडर है. पार्टी के दरख्त हैं. मैंने उनका हाल चाल जाना. हमारे बीच अच्छी मुलाकात हुई. मैं उनसे जेल मिलने नहीं जा पाया था. इसलिए आज मिलने आया. उनसे हमारे बेहद गहरे रिश्ते हैं.

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