क्रिकेट की दुनिया में नए-नए फॉर्मेट लगातार अपनी जगह बना रहे हैं – T10, The Hundred और अब टेस्ट-20. छोटे और तेज़ प्रारूपों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे और क्लासिक खेल पर असर पड़ना स्वाभाविक है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इन छोटे फॉर्मेटों ने खिलाड़ियों के धैर्य, खेल की गंभीरता और मानसिक तैयारी को चुनौती देना शुरू कर दिया है. वहीं, दर्शकों की बदलती पसंद और टीवी पर तेज़ और रोमांचक मैच देखने की चाह ने भी टेस्ट क्रिकेट के परंपरागत आकर्षण को प्रभावित किया है. ऐसे में सवाल उठता है – क्या क्रिकेट का सबसे प्रतिष्ठित फॉर्मेट, टेस्ट, अब खतरे में है?
जानिए कैसे यह नया प्रारूप खिलाड़ियों के कौशल और रचनात्मकता की परीक्षा लेने वाला है और क्यों एबी डिविलियर्स, मैथ्यू हेडन जैसे दिग्गज इसमें शामिल हुए हैं. आइए जानें कि यह नया प्रारूप क्या है.
क्रिकेट में नए प्रारूप का प्रवेश
द फोर्थ फॉर्मेट के सीईओ और वन वन सिक्स नेटवर्क के कार्यकारी अध्यक्ष गौरव बहिरवानी के अनुसार, नए प्रारूप को टेस्ट ट्वेंटी नाम दिया गया है. इस नए और रोमांचक क्रिकेट प्रारूप में, प्रत्येक टीम को टेस्ट क्रिकेट की तरह ही बल्लेबाजी के दो मौके मिलते हैं. हालाँकि, यह प्रारूप टेस्ट मैच की तुलना में छोटा और तेज़ है, जिससे दर्शकों के लिए निरंतर उत्साह और बेहतर टेलीविजन प्रसारण सुनिश्चित होता है. इसमें टेस्ट और टी20 क्रिकेट दोनों के नियमों का मिश्रण है. कुछ नियम टेस्ट क्रिकेट से और कुछ टी20 से लिए गए हैं, लेकिन इस नए प्रारूप के अनुरूप थोड़े बदलाव किए गए हैं. मैच का परिणाम जीत, हार, टाई या ड्रॉ हो सकता है, जो इसे और भी दिलचस्प बनाता है. एबी डिविलियर्स, क्लाइव लॉयड, मैथ्यू हेडन और हरभजन सिंह सलाहकार बोर्ड का हिस्सा हैं. हालाँकि, यह प्रारूप अभी तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शामिल नहीं हुआ है.
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एबी डिविलियर्स और मैथ्यू हेडन ने क्या कहा?
एबी डिविलियर्स ने नए प्रारूप के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें सबसे ज़्यादा उत्साहित करने वाली बात यह है कि यह खिलाड़ियों को आज़ादी और रचनात्मकता देता है. यह (टेस्ट ट्वेंटी-20) खिलाड़ियों को खुद को अभिव्यक्त करने का मौका देता है. यह निडर क्रिकेट होने के साथ-साथ दोनों पारियों में संतुलन और दृढ़ता भी सिखाता है.
इस बीच, मैथ्यू हेडन ने कहा कि युवा ही भविष्य हैं, इसलिए वह इसमें पूरी तरह शामिल हुए. लंबा प्रारूप चरित्र, कौशल, मानसिक और शारीरिक शक्ति की परीक्षा है. हमें दोनों ही दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मिलता है, जहाँ प्रतिदिन दो अलग-अलग पारियों में 80 ओवर खेले जाते हैं.
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