भारतीय टेस्ट टीम में नंबर-3 की समस्या पिछले दो सालों से हल नहीं हो पा रही है. कई बड़े नाम आए और गए, लेकिन कोई भी उस जगह पर स्थायी प्रभाव नहीं छोड़ पाया. वहीं, घरेलू क्रिकेट में एक युवा बल्लेबाज ने हाल ही में ऐसा प्रदर्शन किया है, जिसने टीम चयनकर्ताओं की नजरें खींच दी हैं और उनकी वापसी की उम्मीदें फिर से जगा दी हैं.
सुदर्शन का ख़राब रिकॉर्ड
टेस्ट मैच के दौरान केएल राहुल, शुभमन गिल, देवदत्त पडिक्कल, करुण नायर और साई सुदर्शन जैसे बल्लेबाज़ों को उतारा गया, लेकिन वे उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाए. सुदर्शन ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में प्रभावित किया. उन्होंने पहली पारी में 87 और दूसरी पारी में 39 रन बनाकर खुद को साबित करने की कोशिश की. सुदर्शन ने पाँच टेस्ट मैचों में 30.33 की औसत से 601 रन बनाए हैं. उन्होंने नौ पारियों में केवल दो अर्धशतक बनाए हैं और अभी तक एक भी शतक नहीं लगाया है. नतीजतन, टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है. सुदर्शन पर लगातार खतरा मंडरा रहा है. अगर आगामी दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ में उनकी बल्लेबाज़ी नाकाम रही, तो उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर करने की मांग तेज़ हो जाएगी. ऐसे में टीम इंडिया के पास नए विकल्प की तलाश के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
टेस्ट टीम में वापसी के लिए तैयार रजत पाटीदार
भारतीय क्रिकेट के लिए यह अच्छी बात है कि घरेलू क्रिकेट में दो-तीन खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में किसी की भी जगह लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। मध्य प्रदेश के कप्तान रजत पाटीदार लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं और अपनी वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्हें फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में तीन मैचों में खेलने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने छह पारियों में सिर्फ़ 63 रन बनाए थे. उसके बाद से, उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में नहीं चुना गया है.
दोहरे शतक ने मचाई सनसनी
रजत एक बार फिर वापसी की तैयारी में हैं. उन्होंने इंदौर में पंजाब के खिलाफ 2025-26 रणजी ट्रॉफी के शुरुआती मैच में शानदार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी दोहरा शतक जड़ा. रजत 332 गेंदों में 26 चौकों की मदद से नाबाद 205 रन बनाकर मध्य प्रदेश की टीम ने तीसरे दिन स्टंप्स तक 8 विकेट पर 519 रन का विशाल स्कोर बनाकर पंजाब पर 287 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली. उनकी पारी धैर्य, बेहतरीन टाइमिंग और आक्रामकता से भरपूर थी. इसने साबित कर दिया कि उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक क्यों माना जाता है.
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