Gautam Gambhir: जब भारत के हेड कोच गौतम गंभीर का द ओवल के ग्राउंड स्टाफ के साथ तीखी बहस हो गई थी. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब हेड कोच स्टेडियम द्वारा मेहमान टीम को दी गई सुविधाओं से खुश नहीं थे. बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों को अलग करना पड़ा था.
रिपोर्ट्स के अनुसार ग्राउंड स्टाफ ने गंभीर के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करने का फैसला किया है और अगर वह दोषी पाए जाते है, तो हेड कोच पर बैन भी लग सकता है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब गंभीर मुश्किल में पड़े है. कई साल पहले वह एक बड़े विवाद में फंस गए थे और एक स्वतंत्र समिति ने उन पर चार मैचों का बैन लगा दिया था.
जब गंभीर को गलत व्यवहार के लिए सस्पेंड किया गया था
2017 में जब गौतम गंभीर दिल्ली टीम के कप्तान थे, तो उन्हें कोच केपी भास्कर पिल्लई के साथ झगड़े के लिए चार मैचों के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. एक कमेटी पैनल बनाया गया था, और गंभीर को गंभीर रूप से गलत व्यवहार का दोषी पाया गया था.
2017 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान मौजूदा भारत के हेड कोच ने दिल्ली के हेड कोच की आलोचना की थी कि वह टीम के युवा खिलड़ियों के लिए असुरक्षित माहौल बना रहे हैं. इसके बाद दिल्ली डेवलपमेंट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) ने एक कमेटी बनाई, और उन्होंने उनके खिलाफ फैसला सुनाया था.
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ESPNCricinfo के अनुसार ‘कमेटी के सदस्य इस बात से सहमत है कि ऊपर बताए गए तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, मिस्टर पिल्लई के प्रति मिस्टर गंभीर के कोच को अपमानित करने के पहले से सोचे-समझे इरादे वाले काम बहुत गलत और गंभीर प्रकृति के थे.’
‘टीम के सदस्यों के बीच एक कोच का पद बहुत सम्मान और गरिमा का होता है. टीम के सदस्यों के सामने टीम के किसी सदस्य द्वारा कोच को अपमानित करना एक गंभीर अपमान है, भले ही वह एक सीनियर खिलाड़ी हो.’
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क्या गंभीर को एक बार फिर सस्पेंड किया जा सकता है?
ICC कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार टीम के हर सदस्य जिसमें कोचिंग/सपोर्ट स्टाफ भी शामिल है, तो सही व्यवहार करना होता है. हालांकि अगर वाकई कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की जाती है, और गंभीर को हद पार करने का दोषी पाया जाता है, तो हेड कोच पर बैन लग सकता है.