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Best of Asia Cup: जब आखिरी गेंद पर भारत जीता था मैच, एशिया कप का होश उड़ा देने वाला मुकाबला

Asia Cup Thrillers: भारत ने 2018 के एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश को हराकर 7वां एशिया कप खिताब जीता. केदार जाधव के चोट लगने के बावजूद आखिरी ओवर में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को रोमांचक जीत दिलाई.

By: Sharim Ansari | Published: September 18, 2025 5:21:46 PM IST



India vs Bangladesh Asia Cup: एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर को हुई, जिसमें अब तक काफी मैच खेले जा चुके हैं और अब टूर्नामेंट खिताबी मैच के नज़दीक आ रहा है. यह टी20 विश्व कप 2026 के लिए टीमों की तैयारी का ज़रिया होगा. एशिया कप में बहुत से शानदार मुकाबले हुए हैं, जिनका अंत देखने लायक था. ऐसा ही एक मुकाबला इस लेख में हम आपके लिए लेकर आये हैं. जानिए विस्तार से. 

एशिया कप के इतिहास का दमदार मुकाबला: भारत बनाम बांग्लादेश फाइनल (2018)

इतिहास के सबसे रोमांचक एशिया कप मैचों में से एक में, भारत ने 28 सितंबर, 2018 को आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर अपना सातवां एशिया कप ख़िताब जीता. दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस फ़ाइनल में सब कुछ था—बल्लेबाज़ी, भिड़ंत, खिलाड़ियों की वापसी और एक ज़बरदस्त अंत.

पहले बल्लेबाज़ी करते हुए, लिटन दास के शानदार शतक की बदौलत बांग्लादेश कंट्रोल में दिख रहा था. सलामी बल्लेबाज़ ने 117 गेंदों पर 121 रनों की शानदार पारी खेली, जो उनका पहला वनडे शतक था. उन्होंने मेहदी हसन मिराज के साथ मिलकर एक बेहतरीन शुरुआत की, जिन्होंने पहली बार उनके साथ पारी की शुरुआत की. दोनों ने 120 रनों की साझेदारी करके बांग्लादेश को खिताबी मुकाबले के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान किया.

हालांकि, जैसे ही भारतीय गेंदबाजों ने अपनी लय पकड़ी, बांग्लादेश की पारी बिखर गई. कुलदीप यादव (3/45) और केदार जाधव (2/41) ने अहम भूमिका निभाई, जिसके बाद बांग्लादेश लगातार विकेट गंवाता गया. बिना किसी नुकसान के 120 रन से आगे खेलते हुए, टीम 48.3 ओवरों में 222 रनों पर सिमट गई. रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने कसी हुई गेंदबाजी से मैच में भारत की वापसी कराई.

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लक्ष्य पूरा करने की जद्दो-जहद

223 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत की पारी बिल्कुल भी आसान नहीं रही. शुरुआत ज़्यादा अच्छी नहीं रही, शिखर धवन और अंबाती रायुडू सस्ते में आउट हो गए. कप्तान रोहित शर्मा ने 48 रनों की पारी खेलकर टीम को संभाला, लेकिन उनके आउट होने के बाद एक बार फिर लय बिगड़ गई. दिनेश कार्तिक (37) और एमएस धोनी (36) ने दबाव में अहम रन जोड़े, लेकिन दोनों ही जीत हासिल नहीं कर पाए.

जैसे-जैसे विकेट गिरते गए और रन बनाने की गति धीमी होती गई, रवींद्र जडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने सातवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी की. उन्होंने भारत को जीत के करीब पहुंचाया, लेकिन भुवनेश्वर के आउट होने के बाद केदार जाधव वापस आ गए, जो पहले हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण लंगड़ाते हुए मैदान से बाहर गए थे.

तनाव भरे आखिरी ओवर में, जब स्कोर बराबर था और आखिरी गेंद पर एक रन चाहिए था, जाधव ने कंट्रोल बनाए रखा. आखिरी गेंद उनके पैड से टकराकर फाइन लेग एरिया में गई और भारत की शानदार जीत साबित हुई. भारत के लिए, यह जीत न केवल एशिया कप में एक और जीत थी, बल्कि हाल के दिनों में सबसे रोमांचक अंत में से एक थी. इसने टीम की गहराई, दबाव में लचीलापन और हर योगदान के महत्व को उजागर किया, चाहे वह गेंद से हो, बल्ले से हो, या फिर आखिरी गेंद पर एक रन से.

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