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मैच फिक्सिंग के आरोप में फंसा ये खिलाड़ी, बर्बाद हो सकता है करियर, जानें क्या है पूरा मामला

match fixing: बीसीबी ने इस मामले को क्रिकेट में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपनी ज़ीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है। अधिकारियों ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आह्वान किया है।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: August 27, 2025 5:34:02 PM IST



Bangladesh Cricket: बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) ने ढाका प्रीमियर लीग (डीपीएल) में मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते बल्लेबाज मिन्हाजुल आबेदीन सब्बीर पर कम से कम पांच साल का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। यह विवाद ढाका प्रीमियर लीग 2025 के एक मैच से जुड़ा है, जिसमें शाइनपुकुर क्रिकेट क्लब और गुलशन क्रिकेट क्लब के बीच खेला गया मैच संदेह के घेरे में आ गया। इस मैच में दो असामान्य आउट ने सबका ध्यान खींचा।

इस वजह से हुआ बवाल

पहला मामला सलामी बल्लेबाज रहीम अहमद का था, जो वापसी की कोशिश किए बिना ही स्टंप आउट हो गए। लेकिन सबसे बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब 44वें ओवर में सब्बीर ने बिना किसी रुकावट के क्रीज़ के अंदर झुककर स्टंपिंग का मौका दिया। इस अजीबोगरीब आउट ने मैच फिक्सिंग के संदेह को जन्म दिया था।

कई नियमों का उल्लंघन

बीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मामले की गहन जाँच की और पाया कि सब्बीर ने बीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के कई नियमों का उल्लंघन किया है। जाँच में पता चला कि सब्बीर संदिग्ध सट्टेबाजों के संपर्क में था और उसने इन संपर्कों की सूचना बोर्ड को नहीं दी, जो संहिता के तहत एक गंभीर उल्लंघन है। एसीयू ने अपनी रिपोर्ट में कम से कम पाँच साल के प्रतिबंध की सिफ़ारिश की है, जिसमें आठ से दस साल की सज़ा की संभावना है। मामला अब बीसीबी के भ्रष्टाचार निरोधक न्यायाधिकरण को भेज दिया गया है, जो अंतिम फ़ैसला लेगा।

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बीसीबी ने उठाए कड़े कदम

बीसीबी ने इस मामले को क्रिकेट में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपनी ज़ीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है। अधिकारियों ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आह्वान किया है। एसीयू ने सुझाव दिया है कि घरेलू टूर्नामेंटों में संचार नियमों को कड़ा किया जाए, बड़े मैचों में भ्रष्टाचार निरोधक निरीक्षकों की तैनाती की जाए और सट्टा बाज़ारों की वास्तविक समय पर निगरानी की जाए। इसके अलावा, अगर सब्बीर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें क्रिकेट में वापसी के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों से गुजरना होगा, जिसमें युवा खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार के खतरों के बारे में जागरूक करना भी शामिल है।

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