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Asia Cup Starting History: अपमान, गुस्से और बदले की भावना से शुरू हुआ एशिया कप, बड़ी मजेदार है ये कहानी

Story Of Asia Cup: 1984 में पहला एशिया कप खेला गया. 41 सालों के बाद इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच फाइनल मैच खेला जा रहा है.

By: Pradeep Kumar | Published: September 28, 2025 7:03:11 AM IST



Asia Cup History: एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) का कारवां अब फाइनल तक पहुंच गया है. इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि फाइनल में भारत और पाकिस्तान (Ind VS PAK) की टीमें आमने-सामने होंगी. भारत पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट का एक साथ फाइनल खेलने में 17 एडिशन लग गए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 41 साल पहले शुरू हुए इस टूर्नामेंट की शुरुआत बदले की भावना के साथ हुई थी. कैसे एक भारतीय के गुस्से से एशिया कप की शुरुआत हुई. कहानी दिलचस्प और मजेदार है और इसका कनेक्शन भारत के पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने से भी है, तो चलिए आपको बताते हैं कैसे हुई एशिया कप की शुरुआत.

गुस्से और बदले के लिए शुरू हुई एशिया कप

25 जून 1983 को भारतीय टीम पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी. कपिल देव ने लॉर्ड्स की बॉलकनी में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाई. एक तरफ तो पूरा भारत खुशी से झूम रहा था, लेकिन एक बंदा था तो भारतीय टीम के जीतने के बावजूद भी गुस्से में था, और वो इंसान थे BCCI के तत्कालीन अध्यक्ष एन के पी साल्वे (NKP Salve).भारत की जीत के दौरान एक घटना घटी जिसने साल्वे को गुस्से से भर दिया. 1983 में जब वेस्टइंडीज और भारत का फाइनल मैच खेला जा रहा था, तो साल्वे को स्टेडियम में एंट्री नहीं मिली. साल्वे अपनी ही टीम के फाइनल मैच को मैदान पर से नहीं देख पाए. इस घटना ने साल्वे को गुस्से से भर दिया. साल्वे के लिए ये किसी अपमान से कम नहीं था. साल्वे ने इस अपमान का बदला लेने का मन बना लिया. उनके मन में इंग्लैंड के खिलाफ बदले की आग भर गई.

साल्वे ने ये तय कर लिया कि अब क्रिकेट वर्ल्ड कप को इंग्लैंड के बाहर करवा कर ही रहूंगा. उस दौर में इंग्लैंड क्रिकेट के सबसे बड़ा पावरहाऊस था, और क्रिकेट वर्ल्ड कप हमेशा इंग्लैंड की धरती पर ही होता था. साल्वे को पता था कि ये काम आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि भारत की ताकत और एशियाई क्रिकेट की एकजुट करेंगे और इंग्लैंड को सबक सिखाएंगे.

1983 में ही हुआ ACC का गठन
 इंग्लैंड ससे वापस लौटने के बाद  एन के पी साल्वे ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (Sri Lanka  Cricket Board) से बात की और उनकी ये कोशिश सफल साबित हुई. इसका नतीज़ा ये हुआ कि, 19 सितंबर 1983 को नई दिल्ली में एशियन क्रिकेट कॉन्फ्रेंस का गठन हुआ. जिसे अब एशियन क्रिकेट काउंसिल(ACC) के नाम से जाना गया और एशिया कप की शुरुआत हुई. ACC के पहले अध्यक्ष भी भारत के NKP साल्वे बने.

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1984 में शुरू हुआ एशिया कप
ACC के गठन के एक साल बाद 1984 में शारजाह में पहला एशिया कप खेला गया. इसमें भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने हिस्सा लिया. यह टूर्नामेंट न सिर्फ क्रिकेट का उत्सव बना बल्कि इसने साबित किया कि एशियाई देश मिलकर क्रिकेट की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं. भारत ने पहला एशिया कप जीतकर अपनी बादशाहत कायम की. ACC की शुरुआत में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका साथ आए थे. लेकिन बाद में बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी पूर्ण सदस्य के रुप में इसका हिस्सा बन गए. आज एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) को कुल 30 देशों का साथ है. जिसमें यूएई, नेपाल और ओमान भी शामिल है. एशिया कप 2025 में कुल 8 देश हिस्सा लिया और अब इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार भारत और पाकिस्तानी की टीमें फाइनल मुकाबले में आपस में भिड़ेंगीं.

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