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Rohit Sharma Transformation: वड़ापाव छोड़ अपनाई फिटनेस, रोहित शर्मा की जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरी

Abhishek Nayar: इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी से पहले रोहित शर्मा ने फिटनेस को लेकर जबरदस्त मेहनत की. जिम में 800 रेप्स, वड़ापाव से दूरी और 10 किलो वज़न कम करके खुद को एथलीट की तरह तैयार किया.

By: Sharim Ansari | Published: October 19, 2025 2:29:08 PM IST



Australia Tour 2025: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज रोहित शर्मा ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की. रोहित ने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया के लिए खेला था. अपने लंबे ब्रेक के दौरान, हिटमैन की खराब फिटनेस ने खूब सुर्खियां बटोरीं और फैंस के एक वर्ग ने इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके भविष्य पर सवाल उठाए. हालांकि, खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रमाण देते हुए, रोहित ने न केवल जिम में कड़ी मेहनत की, बल्कि अपनी फिटनेस वापस पाने के लिए अपने खान-पान पर भी कंट्रोल रखा.

हिटमैन की फिटनेस को लेकर अभिषेक नायर का खुलासा

भारत के पूर्व सहायक कोच अभिषेक नायर ने रोहित को फिटनेस में वापसी में मदद करने के लिए जिम में उनके साथ मिलकर काम किया. पर्थ में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले वनडे मैच में ब्रॉडकास्टर के साथ बातचीत के दौरान, नायर ने बताया कि रोहित ने अपनी खोई हुई फिटनेस वापस पाने के लिए कितनी मेहनत की.

नायर ने कहा कि हर दिन 3 घंटे की ट्रेनिंग. हमने ज़्यादा कार्डियो नहीं किया. पहले पांच हफ़्ते एक बॉडीबिल्डर की मानसिकता वाले थे, जहां वह पूरी तरह से दुबले होने के लिए ट्रेनिंग कर रहे थे. उन्होंने एक बॉडीबिल्डर की तरह ट्रेनिंग की.

उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत से लोगों को हैरान कर देगा. यहां तक कि टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच, एड्रियन ले रॉक्स भी मुझे गालियां देते! लेकिन उन्होंने हर बॉडी पार्ट के लिए 700-800 रेप्स किए. यह लगभग डेढ़ घंटे का सेशन था. सोचिए, अगर आप चेस्ट और ट्राइसेप्स कर रहे होते, तो आप 800 रेप्स करते. हल्के वज़न के साथ, हमने स्ट्रेंथ और स्टैमिना बढ़ाने के लिए कई रेप्स किए. इसके साथ ही, हम हर सेशन लगभग 15 से 20 मिनट क्रॉस-फ़िट के साथ समाप्त करते थे, जो ज़्यादा कार्डियो और मूवमेंट पर आधारित होता है. यह बिना रुके चलता था.

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रोहित शर्मा ने त्यागे वड़ा-पाव

नायर ने खुलासा किया कि रोहित ने मुंबई का प्रसिद्ध वड़ापाव खाना छोड़ दिया, एक ऐसा व्यंजन जिसे बल्लेबाज़ काफ़ी पसंद करते हैं और जिसके लिए उन्हें अक्सर ट्रोल किया जाता है. नायर ने कहा कि लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं होता. इसके बाद, उन्हें अपनी खाने की आदतों पर कंट्रोल रखना पड़ा. उन्होंने आगे कहा कि पहले 8 हफ़्ते पूरी तरह से कड़ी ट्रेनिंग के थे.

नायर ने बताया कि रोहित ने मसल्स बढ़ाने के बजाय एक ज़्यादा एथलेटिक क्रिकेटर बनने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने खुद भी इसका आनंद लिया क्योंकि उनकी मेहनत रंग लाई. फिर हमने स्किल्स सिखाए. हम यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि उसके चलने के तरीके में क्या बदलाव आए हैं, वज़न कम करने के बाद वह कैसा महसूस कर रहा है. उन कुछ हफ़्तों में बॉडीबिल्डर से एथलीट बनने तक, बहुत मेहनत लगी है.

पहली बार जब हमने अभ्यास किया, तो उसने एक डिफेंसिव शॉट खेला. उस दिन, स्थिति गिरकर भागने जैसी थी. जब वह दौड़कर नॉन-स्ट्राइकर एंड पर पहुंचा, तो उसने कहा कि ‘भाई, मैं तो उड़ रहा हूं.’ यही उसकी प्रतिक्रिया थी, क्योंकि लंबे समय के बाद, वह सचमुच हल्का महसूस कर रहा था.

IPL की वह तस्वीर जिसने बड़े बदलाव को प्रेरित किया

नायर ने यह भी बताया कि रोहित ने हवाई अड्डे पर खींची गई अपनी एक तस्वीर देखी, जिससे उनमें यह बदलाव आया. उन्होंने 2011 में भी ऐसा ही बदलाव किया था. उससे पहले, एक अखबार में उनकी एक तस्वीर छपी थी जिसमें वह भारी-भरकम दिख रहे थे. वह सोशल मीडिया पर अपनी छवि को लेकर बहुत सजग रहते हैं. अगर उनकी कोई तस्वीर उनके पेट पर एक गोले और तीर के साथ आती है, तो वह उन्हें प्रेरित करती है.

IPL के बाद छुट्टियों से लौटने के बाद उनकी एक ऐसी ही तस्वीर वायरल हुई थी. उस तस्वीर में दावा किया गया था कि उनका वज़न ज़्यादा है. फिर चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि हमें क्या करना चाहिए. हां, हम चाहते थे कि वह क्रिकेट के लिए फ़िट हो जाएं, लेकिन उन्होंने यह भी सोचा कि लोग रोहित को कैसे देखेंगे. हां, उन्हें अपना करियर लंबा करना है और 2027 के विश्व कप तक पहुंचना है. सबसे पहले हम उन्हें शारीरिक रूप से बदलना चाहते थे.

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 10 किलो वज़न कम करना था. शुरुआत में मुझे पूरा भरोसा नहीं था कि वह इतना वज़न कम कर पाएंगे. हमने एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर शुरुआत की थी, लेकिन हमें ट्रेनिंग और डाइट में निरंतरता की ज़रूरत थी. जब बीच में टूर्नामेंट होते हैं, तो आप उस निरंतरता को खो देते हैं. लेकिन यहां, हमारे पास 3 महीने बिना किसी रुकावट के थे. यहां जो 3 महीनों में हुआ, वह 6 महीनों में नहीं हो सकता था.

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