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वसुंधरा राजे का खत्म होने वाला है BJP में वनवास? जानिए क्यों लग रही ऐसी अटकलें!

Rajasthan politics: 2023 में, बीजेपी ने भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया. तब से, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजनीतिक रूप से अपेक्षाकृत शांत और कम सक्रिय रही हैं. हालांकि, उन्होंने हाल ही में बीजेपी और आरएसएस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है. इससे संकेत मिलता है कि वह राजनीतिक वापसी कर सकती हैं और अपने आप को राजनीतिक हाशिए पर रखने की स्थिति से बाहर आ सकती हैं.

By: Ashish Rai | Published: September 30, 2025 8:41:22 PM IST



Vasundhara Raje: 2023 में, बीजेपी ने भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया. तब से, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजनीतिक रूप से अपेक्षाकृत शांत और कम सक्रिय रही हैं. हालांकि, उन्होंने हाल ही में बीजेपी और आरएसएस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है. इससे संकेत मिलता है कि वह राजनीतिक वापसी कर सकती हैं और अपने आप को राजनीतिक हाशिए पर रखने की स्थिति से बाहर आ सकती हैं.

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कैबिनेट में फेरबदल की संभावना

खबर है कि शर्मा सरकार के अंदर असंतोष बढ़ रहा है, जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है. इससे राज्य कैबिनेट में संभावित फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बीच, बीजेपी और आरएसएस नेतृत्व के साथ हुई बैठकों के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजे अपने वफादारों के लिए कैबिनेट में पद चाहती हैं.

वसुंधरा राजे किन विधायकों को कैबिनेट में चाहती हैं?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी कथित तौर पर कालीचरण सराफ (मालवीय नगर) और श्रीचंद कृपालानी (निम्बाहेड़ा) जैसे विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने पर विचार कर रही है. दोनों को वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि राजे ने इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है.

राजे ने मोदी और शाह से मुलाकात की

संसद के मानसून सत्र के समापन के बाद, वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. पार्टी के एक अन्य सूत्र ने कहा कि बड़े कैबिनेट फेरबदल की अफवाहें सच नहीं हैं. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के बाद कभी भी कैबिनेट में विस्तार या फेरबदल हो सकता है.

भजनलाल, मोदी और शाह की पसंद

पार्टी के अंदर यह बात साफ है कि शर्मा, मोदी और शाह की पसंद हैं. इसलिए, उन्हें पद से हटाना फिलहाल मुश्किल लगता है। मुख्य कारण यह है कि वह बिना किसी सवाल के दिल्ली के निर्देशों का पालन करते हैं. हालांकि, यह संभव है कि वसुंधरा राजे को केंद्र सरकार में कोई पद दिया जा सकता है.

 बीजेपी और वसुंधरा राजे के बीच संबंधों में दरार

भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद, वसुंधरा राजे और मोदी सरकार के बीच संबंध और खराब हो गए. राजे ने बैठकों में जाना बंद कर दिया. उन्होंने विधानसभा उपचुनाव या हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं किया, जबकि उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया था. हालांकि, जब सात में से पांच विधायक जीते, तो राजे उनसे मिलीं. कयास लगाया जा रहा था कि उन्होंने राजनीति में वापसी करने के इरादे से ऐसा किया.

हर किसी की ज़िंदगी में वनवास आता है

पिछले महीने 30 अगस्त को धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “वनवास सिर्फ भगवान राम की ज़िंदगी का हिस्सा नहीं है. हर किसी की ज़िंदगी में निर्वासन आता है और वह आता-जाता रहता है. इस जगत में कुछ भी परमानेंट नहीं है. जो आता है, वह जाता भी है.” राजे के इस बयान में एक गहरा संदेश था, जिसकी खूब चर्चा हुई. उनके समर्थक मानते थे कि वे फिर से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगी, जबकि दूसरों का मानना ​​था कि इसका मतलब यह था कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है.

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