सतीश शर्मा की रिपोर्ट, Rajasthan News: उदयपुर जिले के डबोक थाना क्षेत्र स्थित कुंवारी माइंस में रविवार को हुई दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बारिश का पानी भर जाने से माइंस में डूबकर चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से ही ग्रामीण और परिजन बेहद आक्रोशित हो गए और रविवार शाम से ही शवों को उठाने से इनकार करते हुए माइंस के बाहर धरने पर बैठ गए। यह विरोध प्रदर्शन सोमवार अलसुबह तक करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चला।
परिजनों की मांग
ग्रामीणों और परिजनों की मांग थी कि मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाए। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने माइंस प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कई दौर की वार्ता कराई, लेकिन समझौता नहीं हो पा रहा था। ग्रामीण शुरुआत में प्रत्येक मृतक परिवार को 10-10 लाख रुपये और एक सदस्य को नौकरी देने पर अड़े रहे। इस दौरान माहौल कई बार तनावपूर्ण भी हुआ और मृतकों के परिजनों ने माइंस मालिक को मौके पर बुलाने की मांग की। आखिरकार सोमवार अलसुबह बीटीपी नेता अंगूरलाल गमेती की मौजूदगी में अंतिम सहमति बनी। तय किया गया कि चारों मृतक परिवारों को कुल 30 लाख रुपये यानी प्रत्येक को लगभग 7.30 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
शवों को भेजा पोस्टमार्टम के लिए
इसके बाद ही परिजन शवों को उठाने के लिए तैयार हुए। चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में शिफ्ट किया गया। घटना के अनुसार, रविवार को चारों बच्चे—जिनमें तीन लड़के और एक लड़की शामिल थे—बकरियां चराने गए थे। इसी दौरान वे नहाने के लिए बारिश से भरे गड्ढे में उतर गए। गहराई अधिक होने से चारों डूब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम छा गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि माइंस क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम बेहद कमजोर हैं और अवैध तरीके से खुदाई तथा पानी भरने से ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा इंतजाम किए जाते तो इन मासूमों की जान बच सकती थी।
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