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दुनिया का वह देश जहां लोग ट्रेन में सोते ही हो जाते हैं ‘कंगाल’ खुद सरकार आती है ‘लूटने’

Japan Train Rules: जापान में सुबह और शाक के समय पीक टाइम में मेट्रो और बुलेट ट्रेन में सीट पर सोने से भारी जुर्माना लगता है. सफर करने वाले लोगों के लिए अपनी सीट बैठने के लिए देनी पड़ती है.

By: Sohail Rahman | Published: September 22, 2025 10:45:53 AM IST



Japan Sleeping In Train Rules: लगभग सभी लोगों ने किसी न किसी मौकों पर ट्रेन की तो सफर की ही होगी, लंबी दूरी की सफर के लिए अक्सर लोग ट्रेन में अपनी सीट बुक करते हैं. ताकि उन्हें सफर के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि ट्रेन में अपनी ही सीट पर सोने से आपको जुर्माना लग सकता है. अगर नहीं पता तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही देश के ट्रेन के बारे में बताएंगे.

जापान में सीटों पर सोने से लगता है जुर्माना

किसी भी देश में ट्रेन से यात्रा करना आम तौर पर आसान और सुविधाजनक माना जाता है. इसलिए लोग अक्सर आराम से ट्रेन से यात्रा करते हैं, कभी-कभी तो नींद भी ले लेते हैं. लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश है जो अपनी समय की पाबंदी, अनुशासन और कुशल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए दुनिया भर में मशहूर है. हम जिस देश की बात कर रहे हैं वो जापान हैं. खासकर सुबह और शाम के पीक टाइम में यहां की मेट्रो और शिंकानसेन (बुलेट ट्रेन) सिस्टम हमेशा व्यस्त रहते हैं.

पीक टाइम में यात्री खाली कर देते हैं सीट

जापान में पीक टाइम में यात्रियों को अक्सर अपनी सीट दूसरों के साथ शेयर करनी पड़ती है. जापानी यात्री अक्सर दूसरों को बैठने के लिए अपनी सीट खाली कर देते हैं. अगर कोई सीट पर सो जाता है और दूसरों को इस्तेमाल करने से रोकता है, तो इसे सार्वजनिक अपराध माना जाता है. ट्रेन स्टेशन या ट्रेन मैनेजमेंट के नियमों के अनुसार, यह एक ऐसा अपराध है जिसके लिए जुर्माना हो सकता है.

कितना लगता है जुर्माना?

कानूनी तौर पर इसे सार्वजनिक सुविधाओं में बाधा माना जाता है. हालांकि, जुर्माने की राशि ट्रेन या स्टेशन के नियमों और अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है. आमतौर पर, मामूली अपराधों के लिए चेतावनी दी जाती है, लेकिन लगातार या जानबूझकर सीट पर कब्जा करने पर भारी जुर्माना या स्टेशन से बाहर निकाल दिया जा सकता है.

क्यों लागू किया गया ये नियम?

जापान में इस नियम का उद्देश्य यात्रियों के बीच सहयोग और सार्वजनिक संसाधनों का सम्मान बनाए रखना है. ट्रेनें इतनी भीड़भाड़ वाली होती हैं कि अगर हर यात्री अपनी सीट पर सो जाए, तो दूसरों को खड़ा होना पड़ेगा. इसलिए जापानी यात्री पीक टाइम में भी सही तरीके से बैठते और खड़े होते हैं. विदेशी यात्री अक्सर इस नियम को नहीं समझते. यह जापानी नियम सिर्फ अनुशासन के बारे में नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक शिष्टाचार और अच्छे व्यवहार को बनाए रखने के बारे में भी है. नियमों का पालन करने से ट्रेन यात्रा सभी के लिए सुरक्षित, व्यवस्थित और आरामदायक होती है.

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