अजय जंडियाल श्रीनगर से रिपोर्ट: श्रीनगर, 24 अगस्त: जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में शनिवार रात से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अहम पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।जम्मू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां बीते 24 घंटों में सुबह 8.30 बजे तक 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह अगस्त महीने में पिछले 100 सालों में दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। इससे पहले अगस्त 1926 में 228.6 मिमी और 2022 में 189.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
छात्रों का बड़ा बचाव अभियान
जम्मू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (IIIM) के हॉस्टल में पानी घुस जाने से कम से कम 45 छात्रों को बचाया गया। सात फीट तक पानी भर जाने के बाद एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने पांच घंटे तक चलाया गया रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला। IIIM निदेशक डॉ. जबीर अहमद ने बताया कि छात्रों के लिए सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था की गई है।
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शहर की रफ्तार थमी
जम्मू शहर के कई इलाके जैसे जानिपुर, रूपनगर, तालाब टिल्लो, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर पानी में डूब गए। दर्जनों मकानों की चारदीवारी टूट गई जबकि करीब दर्जनभर वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए। तवी पुल के पास सड़क धंस गई और जम्मू बस स्टैंड के निकासी द्वार पर बना पुलिया बहाव में टूट गई।मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहें। मुख्यमंत्री कार्यालय हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है और पानी की निकासी, बिजली व पेयजल आपूर्ति बहाल करने तथा कंट्रोल रूम्स की पूरी कार्यक्षमता सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है।
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हाईवे और सड़कें प्रभावित
हालांकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और श्रीनगर-लेह राजमार्ग यातायात के लिए खुले रहे, लेकिन मुगल रोड (राजौरी-पुंछ को शोपियां से जोड़ने वाली सड़क) और सिंथन रोड (किश्तवाड़ से अनंतनाग) भूस्खलन के चलते बंद हो गई।
कठुआ जिले के लॉगेट मोड़ के पास जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर स्थित एक पुल सहार खड्ड के उफान से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके चलते यातायात को वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट करना पड़ा।
नदियों में जलस्तर बढ़ा
प्रशासन ने बताया कि बासंतर (सांबा), उज्ह और रावी (कठुआ), चेनाब (डोडा, किश्तवाड़, रामबन, जम्मू) और तवी (उधमपुर, जम्मू) सहित प्रमुख नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। राजौरी, पुंछ और उत्तर कश्मीर के गुरेज़ इलाके से भी भूस्खलन की खबरें हैं।
बारिश के आँकड़ों के अनुसार, उधमपुर में 144.2 मिमी, माता वैष्णो देवी आधार शिविर कटरा में 115 मिमी, सांबा में 109 मिमी और कठुआ में 90.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 13.5 मिमी वर्षा हुई।
मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक मध्यम से तेज बारिश, अचानक बाढ़ और बादल फटने की आशंका जताई है। अधिकारियों ने लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और प्रशासनिक एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है।
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