Home > देश > Uttar Pradesh News: बागपत जिले में यमुना नदी का कहर, फसल डूबने से हुआ लाखों रुपये का नुकसान

Uttar Pradesh News: बागपत जिले में यमुना नदी का कहर, फसल डूबने से हुआ लाखों रुपये का नुकसान

Uttar Pradesh News: पहाड़ो पर हो रही लगातार बारिश से बागपत मे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसके बढ़ने से किसानों की फसलें लगातार डूबती जा रही है। जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से यमुना नदी के किनारो पर भी कटान शुरू हो गया है।

By: Srishti Sharma | Last Updated: August 14, 2025 11:03:39 AM IST



विवेक कौशिक की रिपोर्ट, Uttar Pradesh News: पहाड़ो पर हो रही लगातार बारिश से बागपत मे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसके बढ़ने से किसानों की फसलें लगातार डूबती जा रही है। जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से यमुना नदी के किनारो पर भी कटान शुरू हो गया है। जिससे किसान परेशान हैं। बागपत के शबगा, जागौश, बदरखा, निवाड़ा, गोरिपुर गांव में यमुना नदी पर कटान शुरू हो गया है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी के अंदर किसानों की फसलें डूबने लगी हैं।

हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है

पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण हथिनी कुंड बैराज में अधिक पानी आ गया है। इसके बाद यमुना नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले तीन दिन से हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में लगातार कई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चूका है। बुधवार को भी यमुना नदी में 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जो ब्रस्पति वार तक यमुना नदी में प्रवेश कर गया। लगातार यमुना नदी में पानी छोड़े जाने से खादर क्षेत्र में पानी फैलता जा रहा है। यमुना के खादर क्षेत्र में पानी ही पानी हो गया है। यमुना नदी के किनारे खादर क्षेत्र में खड़ी गन्ने, फूलों की फसल, ज्वार, लौकी, करेला, हरी मिर्च, धनिया, टमाटर, पोदीना, बैंगन और गेंदा फूल आदि सब्जियों की फसलें डूबने लगी हैं। जलस्तर बढ़ने से निकटवर्ती गांवों में कटान शुरू हो गया है। इससे टांडा, कुर्डी, नांगल, जागौस, बदरखा, ककौर कला, कोताना और खेड़ी प्रधान आदि गांवों के किसानों की चिंता बढ़ गई है।

हिमाचल में दिखा कयामत वाला मंजर! अचानक आई ऐसी आफत, बिछ गईं सैकड़ों लाशे

निकटवर्ती गांवों में कटान

यमुना नदी के किनारे खादर क्षेत्र में खड़ी गन्ने, फूलों की फसल, ज्वार, लौकी, करेला, हरी मिर्च, धनिया, टमाटर, पोदीना, बैंगन और गेंदा फूल आदि सब्जियों की फसलें डूबने लगी हैं। जलस्तर बढ़ने से निकटवर्ती गांवों में कटान शुरू हो गया है। इससे टांडा, कुर्डी, नांगल, जागौस, बदरखा, ककौर कला, कोताना और खेड़ी प्रधान आदि गांवों के किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने बताया कि यमुना नदी में फसल डूबने से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

जिला प्रशासन से मुआवजा की मांग

किसानो ने जिला प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की। हालांकि, अभी यमुना ने खतरे के निशान को नहीं छुआ है लेकिन बढ़ता जलस्तर बागपत के लिए परेशानी का बन गया है। उधर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रसाशन ने भी तैयारी कर ली है। तट वर्ती आबादी को अप्रिय स्थिति से बचाने के लिए तट बंधो पर ठोकरें बनाई जा चुकी है गौता खोरो ओर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है, इसके अतिरिक्त जिला प्रसाशन लगातार स्थिति पर नज़र बना कर रखे है। संक्रमक ओर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए भी जिला स्वास्थ्य विभाग ने तट वर्ती गांव में कैम्प करना शुरू कर दिया है। फिलहाल यमुना खतरे के निशान से निचे है, लेकिन आने वाले दिनों में यमुना का रोद्र रूप देखने को मिल सकता है।

Aaj Ka Mausam: टॉप गियर में सरपट दौड़ रहा मानसून, 14 से 20 अगस्त तक इन राज्यों में आसमान से कहर बनकर टूटेगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट

Advertisement