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Exclusive: 4 जगह मुंह मारने का क्या है अर्थ? अनिरुद्धाचार्य ने बताया हर शब्द का मतलब, सुन दंग रह गए लोग

Aniruddhacharya News: अनिरुद्धाचार्य जी वे लीव-इन को लेकर कहा कि ये भारतीय संस्कृती नहीं है।  लीव-इन में रहने वाली कोई भी स्त्री या पुरुष पवित्र नहीं मानी जाएगी। इसलिए हमारे यहां शादी के पहले भी जिससे आपका विवाह होने वाला है।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: August 11, 2025 4:33:44 PM IST



Aniruddhacharya Controversy: हाल ही में महिलाओं को लेकर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक विवादित बयान दिया था। जिसके बाद देश भर में खूब हंगामा मच गया। हालांकि, इसके बाद अनिरुद्धाचार्य ने आकर इस बात पर सफाई भी दी थी। अब मामले को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने इंडिया न्यूज़ से बात की। जहां उन्होंने मामले को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया।

भाषा को लेकर कही ये बात

संभव शर्मा से बात करते हुए अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि संतों और कथावाचकों का समाज में दर्जे को लेकर कहा कि संतों का दर्जा समाज में श्रेष्ट है। भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि भाषा को लेकर तो महाराष्ट्र में विवाद चल रहा है। हिंदी बोलने पर मार दिया जा रहा है। भाषा का विवाद तो कहीं भी हो सकता है। 

जो गलत हैं वो बिलबिला के ऊपर आ गए-अनिरुद्धाचार्य

’25 साल की लड़की 4 जगह मुंह मार चुकी होती हैं’ वाले अपने बयान को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि वो अपनी जगह सही है। जिसके लिए बोला गया वो समझ गए चोर को चोर बोल दिया गया। तो चोर समझ गए जिसके लिए बोला गया वो समझ गए जो सही हैं वो सही हैं। उन्होने कहा कि जो चोर नहीं हैं उसे फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन जो चोर है वो कहेगा हमे क्यों कह रहे हो। उन्होंने कहा कि ये सीधा है आप अगर किसी को गलत कहोगे तो वहीं व्यक्ति प्रभावित होगा जो गलत है। उन्होंने आगे कहा कि लिव इन में रहने वाले जो गलत हैं वो बिलबिला के ऊपर आ गए।

अगर  कठोर नहीं बोले जाएंगे तो समाज में सुधार नहीं होगा-अनिरुद्धाचार्य

अपने द्वारा दिए गए जगह-जगह मुंह मारने वाले बयान की भाषा को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि मैं इसे बोल कर वही कहना चाहता था जो लोगों ने समझा और लोगों ने वही समझा जो मैं कहना चाहता था। इसलिए जिसे समझना था वो समझ गए। हमे जो कहना था हम कह दिए। सीधी बात हो गई शब्द अगर कठोर नहीं बोले जाएंगे तो समाज में सुधार नहीं होगा। 

बातों का नहीं विरोध संतों का चल रहा है-अनिरुद्धाचार्य

‘सिर्फ महिलाओं पर इस तरह के बयान क्यों’ इस सवाल पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि प्रेमानंद जी ने तो महिला और पुरुष दोनों के लिए बोला लेकिन लोगों ने उनका भी विरोध किया। हमने भी पुरुषों के लिए बोला था, लेकिन पुरुषों का हटाकर मीडिया ने महिला-महिला का चलाया। उन्होंने कहा कि विरोध भाषा और बातों का नहीं विरोध संतों का चल रहा है। संतों का ही विरोध करना है संतों का विरोध इतना करना है कि छांगुर जैसे लोग दब जाएं।और संतों को हम लाइमलाइट में ले आएं। 

मुंह मारने का क्या है अर्थ ?

‘खुशबू पाटनी के मुंह मारने का अर्थ क्या है वाले’ बयान को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि जो स्त्री पर पुरुष के साथ है जो पुरुष पर स्त्री के साथ है उसे सामान्य ठेठ गांव की भाषा में मुह मारना ही बोला जाता है।

अखिलेश यादव से मुलाकत को लेकर कही ये बात

अखिलेश यादव के साथ मुलाकात को लेकर कहा कि हम राह चलते जा रहे हैं, कोई भी आके मिल ले। उन्होंने कहा कि हमें नेता जी मिल गए तो हमने कहा वृंदावन आओ। 

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लीव-इन को लेकर कही ये बात

अनिरुद्धाचार्य जी ने लीव-इन को लेकर कहा कि ये भारतीय संस्कृति नहीं है। लीव-इन में रहने वाली कोई भी स्त्री या पुरुष पवित्र नहीं मानी जाएगी। इसलिए हमारे यहां शादी के पहले भी जिससे आपका विवाह होने वाला है। उससे भी विवाह के पहले शारीरिक संबंध नहीं रख सकते, अगर रखते हैं तो धर्म इसकी इजाजत नहीं देता। बाकी अगर आप करते हैं मनमाना तो मनमाना तो सभी कुत्ते बिल्ली सब कर रहे हैं।

वैश्या को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि वैश्या को वैश्या ना कहे तो क्या कहें। सिर्फ महिला को ही टारगेट करने पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि पुरुष भी व्यभिचारी है। शादी के पहले अगर आप स्त्री के साथ रहते हैं तो आप व्यभिचारी है। देखो जब आपका मन लीव-इन में रहने का हो जाए तो उसी समय अच्छी सी लड़की अच्छा सा लड़का देख के शादी कर लेना चाहिए। 

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