Independence Day Meat Ban Row: हैदराबाद में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है। प्रशासन ने 15 अगस्त को मांस की बिक्री और आपूर्ति पर रोक लगाने का आदेश जारी किया, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज़ हो गई। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि “हम क्या खाते हैं, यह हमारी आज़ादी का हिस्सा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि स्वतंत्रता दिवस पर लोगों के खाने पर पाबंदियाँ क्यों लगाई जा रही हैं। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ गई है।
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को मीट की दुकानें और बूचड़खाने बंद करने का आदेश दिया है। दुर्भाग्य से जीएचएमसी ने भी ऐसा ही किया। यह आदेश लोगों की स्वतंत्रता, निजता, आजीविका, संस्कृति, पोषण और धर्म के अधिकारों का उल्लंघन करता है।” उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना में 99% लोग मांस खाते हैं और यह प्रतिबंध उनकी निजी पसंद में एक अनावश्यक हस्तक्षेप है।
महाराष्ट्र के कई शहरों में भी मांस बिक्री पर प्रतिबंध
बता दें, यह विवाद महज हैदराबाद तक ही सीमित नहीं है। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने भी 15 और 20 अगस्त को मांस की बिक्री और जीव हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया है। गोपाल कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को है और जैन समुदाय का ‘पर्यूषण पर्व’ 20 अगस्त से शुरू हो रहा है। निगम ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ठाणे और मालेगांव में भी आदेश लागू
ठाणे ज़िले के कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने भी 15 अगस्त को मांस की दुकानें बंद रखने का निर्देश दिया है। मालेगांव नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया है। हैदराबाद से सांसद ने इस पर कहा कि इस तरह के कदम न केवल मांस व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि उनकी संस्कृति और खान-पान की आज़ादी पर भी हमला हैं। उन्होंने माँग की कि ऐसे आदेश वापस लिए जाएँ और लोगों को अपनी पसंद का खाना खाने की पूरी आज़ादी दी जाए।

