क्योंझर,ओडिशा से अक्षय महाराज की रिपोर्ट: ओडिशा के क्योंझर जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेलकोई ब्लॉक में शुक्रवार रात से शुरू हुई तेज बारिश के कारण नदियां उफान पर आ गई हैं और कई पंचायतें मुख्यालय से कट चुकी हैं। ग्रामीण इलाकों में पानी भरने से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है।
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गंभीर स्थिति समाकोई नदी में देखने को मिली
सबसे गंभीर स्थिति समाकोई नदी में देखने को मिली, जहां पानी का स्तर अचानक बढ़कर पुलों के ऊपर से बहने लगा। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, नदी पर बने पुल पर करीब तीन फीट ऊंचाई तक पानी बह रहा है। इसके चलते तेलकोई ब्लॉक मुख्यालय का संपर्क लगभग 13 पंचायतों से पूरी तरह टूट चुका है। लोगों को रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।क्योंझर में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 18 पंचायतों का से भी संपर्क टूट चूका है।
वहीं, हनुमंतिया नाला पर बने पुल के ऊपर भी दो फीट से अधिक पानी बह रहा है। इस वजह से पांच अन्य पंचायतें भी ब्लॉक मुख्यालय से अलग-थलग हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि आपातकालीन स्थिति में अस्पताल तक पहुंचना या सामान लाना मुश्किल हो गया है।
भारी जलभराव से कई सड़कें और पुल पूरी तरह से डूब गए है
तेलकोई ब्लॉक में इस साल अब तक की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। भारी जलभराव से कई सड़कें और पुल पूरी तरह डूब गए हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों, दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों और किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खेतों में पानी भर जाने से फसलों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
हालात इतने गंभीर हैं कि पुलों पर पानी बहने के बावजूद कुछ लोग बाइक और छोटी गाड़ियां लेकर नदी पार करने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय लोग चेतावनी दे रहे हैं कि इस तरह की लापरवाही कभी भी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है।
राहत कार्य शुरू होंगे
ग्रामीणों ने बताया कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था सामने नहीं आई है। हालांकि, लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही बचाव और राहत कार्य शुरू होंगे। प्रशासन की ओर से आवश्यक सामान की आपूर्ति और सुरक्षित आवाजाही के लिए अस्थायी उपाय करने की मांग की जा रही है।
आधारभूत संरचना प्रभावित
क्योंझर जिले की यह स्थिति साफ दिखाती है कि प्राकृतिक आपदा आने पर ग्रामीण इलाकों की कमजोर आधारभूत संरचना कितनी जल्दी प्रभावित हो जाती है। लोगों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर बारिश का यह सिलसिला जारी रहा, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। फिलहाल, ग्रामीण प्रशासन और सरकार से तुरंत मदद की आस लगाए हुए हैं।