ओड़िशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट
Odisha Flood: बालासोर जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी कई गांवों से पानी नहीं उतर पाया है। सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर थोड़ा कम जरूर हुआ है, लेकिन हालात अब भी सामान्य होने से काफी दूर हैं।
आपदा से करीब चार हज़ार से अधिक लोग प्रभावित
राजघाट क्षेत्र में सुवर्णरेखा नदी का पानी 10.30 मीटर पर बह रहा है, जो खतरे के निशान 10.35 मीटर से बस कुछ ही सेंटीमीटर कम है। जलस्तर में गिरावट के बावजूद स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक लगभग 28 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 70 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इस आपदा से करीब चार हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं।
कई गांव पूरी तरह से टापू बन चुके हैं
लगातार जलभराव से कई गांव पूरी तरह से टापू की शक्ल ले चुके हैं। सड़कों और गलियों में पानी भर जाने से ग्रामीणों का बाहर की दुनिया से संपर्क लगभग टूट गया है। बाज़ार और कस्बों से कट जाने के कारण लोग खाना, दवाइयां और अन्य ज़रूरी सामान जुटाने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं। नावों और अस्थायी बेड़ों के सहारे ही लोग आ-जा पा रहे हैं। प्रशासन ने कुछ मोटरबोट की व्यवस्था की है, लेकिन वह जरूरत के हिसाब से काफी सीमित हैं।
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प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया है। कुछ स्कूलों और सरकारी भवनों को अस्थायी राहत शिविर में बदलकर वहां प्रभावित लोगों को शरण दी गई है। हालांकि, कई गांव ऐसे हैं जहां अब तक कोई सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है।
लोग अब भी घरों में पानी घुस जाने के कारण मुश्किल में
बिष्णुपुर, पोंतई, कुल्हा, खलाबड़िया, अरुहाबूर्ति, कुसुड़ा, बागा, नचिंद्रा, उलुडा, डाहामुंडा, कालिकापुर, पश्चिमबर्ड, पाला जामकुंडा और बड़ा तलापाड़ा जैसे गांवों की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। यहां के लोग अब भी घरों में पानी घुस जाने के कारण मुश्किल में हैं। कई परिवारों ने ऊँचे स्थानों पर शरण ली है, जबकि कुछ लोग राहत शिविरों का सहारा ले रहे हैं।
मदद की राह निहारते ग्रामीण
ग्रामीणों लगातार तीन दिनों से मदद की राह देख रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक सीमित सहायता ही मिली है। लोग आशा लगाए बैठे हैं कि जल्द ही राहत सामग्री और दवाइयां बड़े पैमाने पर पहुंचाई जाएंगी। प्रशासन का दावा है कि आपदा प्रबंधन दल हालात पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित गांवों तक मदद पहुंचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।