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Odisha: कलेक्टर की स्कूल औचक निरीक्षण में खुली पढ़ाई की पोल, सामान्य अंग्रेज़ी भी नहीं पढ़ पाए कक्षा 8 के छात्र

Odisha: कलेक्टर की स्कूल औचक निरीक्षण में खुली पढ़ाई की पोल, सामान्य अंग्रेज़ी भी नहीं पढ़ पाए कक्षा 8 के छात्र, अंग्रेज़ी पुस्तक खोलते ही बदल गयी स्थिति

By: Swarnim Suprakash | Published: August 19, 2025 3:48:21 PM IST



गंजाम, ओड़िशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट 
Odisha: गंजाम ज़िला कलेक्टर वी. कीर्ति वासन ने सोमवार को पात्रपुर ब्लॉक के सुबर्णपुर विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कक्षाओं में जाकर बच्चों से पाठ्यपुस्तकें पढ़ने को कहा और उनकी शैक्षिक प्रगति की जानकारी ली।

अंग्रेज़ी पुस्तक खोलते ही बदल गयी स्थिति 

ओडिया विषय की किताबें छात्र-छात्राएँ सामान्य रूप से पढ़ पा रहे थे, लेकिन जैसे ही कलेक्टर ने अंग्रेज़ी पुस्तक खोलने को कहा, स्थिति बदल गई। कई बच्चे अंग्रेज़ी शब्दों का सही उच्चारण करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे।
आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने भले ही किताब पढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसके शब्दों का उच्चारण बार-बार ग़लत हो रहा था। यह देखकर कलेक्टर ने चिंता व्यक्त की और शिक्षकों से सवाल पूछा कि “जब ये बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे तो इस स्तर की अंग्रेज़ी जानकारी के साथ वे कैसे सफल होंगे?”

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उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि कमज़ोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए, उन्हें अतिरिक्त समय देकर अभ्यास कराया जाए और पढ़ाई को अधिक व्यावहारिक बनाया जाए। कलेक्टर ने कहा कि सिर्फ किताब पढ़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि बच्चों को भाषा पर पकड़ बनाने के लिए निरंतर अभ्यास की ज़रूरत है।

 सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का स्तर चिंता का विषय

इस निरीक्षण से यह भी साफ हो गया कि ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का स्तर चिंता का विषय है। ऊपरी कक्षा तक पहुंचने के बावजूद बच्चे बुनियादी चीज़ें नहीं सीख पा रहे हैं।

कलेक्टर की इस निरीक्षण ने एक सच्चाई उजागर कर दी कि केवल कक्षा में पहुंच जाना पढ़ाई की गारंटी नहीं है। अब ज़रूरत है कि शिक्षक, स्कूल और प्रशासन मिलकर इस चुनौती को गंभीरता से लें, ताकि हर बच्चा बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सके। कलेक्टर का यह निरीक्षण स्पष्ट करता है कि अभी भी ग्रामीण इलाकों के कई विद्यालयों में अंग्रेज़ी शिक्षा को लेकर बड़ी खाई मौजूद है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में किस तरह की पहल करता है और बच्चों के लिए पढ़ाई के स्तर को बेहतर बनाता है।

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