प्रदीप तिवारी की रिपोर्ट, Madhya Pradesh (Panna): केंद्र सरकार और राज्य सरकार है किसानों को लेकर गंभीर तो दिखाई देती और तरह-तरह के वादे करती है लेकिन बुंदेलखंड के हालात जस के 10 दिखाई देते हैं यहां सरकार और प्रशासन के दावे किसानों को लेकर फेल होते हुए दिखाई देते हैं इस साल भी आए हुए जिले के किस ने बताया कि इस साल भी अत्यधिक वर्षा के कारण वैसे भी फासले खराब है और अत्यधिक वर्षा हो जाने से अब खाद की आवश्यकता है तो खाद्य नहीं मिल पा रही है और सुबह 6:00 बजे से लाइन में लगकर वह अभी तक खाद लेने का इंतजार कर रहा है और कई घंटे गुजर जाने के बाद भी खाद नहीं मिली और वह लगातार सुबह से लेकर शांत पिछले तीन-चार दिनों से जिले में खाद लेने के लिए चक्कर काट रहा है|
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान
पन्ना जिले के एक एक किसान जानकारी देते हुए बताते हैं की खाद टाइम पर आती नहीं पर आती भी है तो वह ब्लैक हो जाती है या महंगे दामों में या अपने चाहतों को बेच दी जाती है या उन्हें बिगर लाइन में लगे हुए देरी जाती है और पन्ना जिले में खाद को लेकर समस्या हर साल देखी जाती है और हर साल प्रशासन के सामने और सरकार के सामने अन्नदाता गुहार लगाते हुए नजर आता है कि हमें टाइम फसलों पर डालने के लिए खाद की आवश्यकता होती है और समय पर अगर खाद नहीं मिली तो सभी फैसले सूख जाती है और खराब हो जाती है जिससे किसान कर्ज से लेकर तंगी से गुजरने लगता है
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परेशान किसान
बुंदेलखंड हमेशा सुख की मार्च झेलता रहा है और कभी अत्यधिक वर्षा हो जाने से किसानों की फैसले खराब हो जाती रही है और किसान परेशान और चिंता में डूबा हुआ नजर आता है लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार तमाम तरह के दावे करते हैं किसानों को लेकर लेकिन यही दावे बुंदेलखंड में खोखले साबित होते हुए दिखाई देते हैं या कागजों में संचालित होते नजर आते हैं किसानों को हमेशा जिले में खाद की कमी तो कहीं कालाबाजारी तो कहीं आते देख रेट तो कहीं समय पर खाद न मिल पाने के कारण किसान हमेशा परेशान होता हुआ दिखाई देता है ऐसा ही नजारा आज पन्ना में देखने को मिला जब जब खाद की किला से जूझ रहे जिले के किसानों को पता पड़ा की खाद जिले में पहुंच चुकी है तो जिले से किसानों का खाद लेने के लिए सुबह 6:00 बजे से ही हम उमर पाड़ा और कहीं धक्का मुक्की तो कहीं खाद पहले लेने के चक्कर में कई किसान घायल भी हुए और किसानों ने कई तरह के आप भी लगाए |

