कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर सरगर्म है. सत्ता के गलियारों में मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल तेज हो गई है. इसी बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र का बयान राजनीतिक माहौल को और गरमा गया है. जब उन्होंने पिता के “राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण” का ज़िक्र किया और साथ ही सतीश जरकीहोली जैसे नेताओं की भूमिका को रेखांकित किया, तो अटकलों का दौर फिर से शुरू हो गया. क्या यह आने वाले राजनीतिक बदलाव का संकेत है, फिलहाल यही सबसे बड़ा सवाल है.
दरअसल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे ने बुधवार को एक अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि वह (सिद्धारमैया) अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं और उन्हें अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जरकीहोली का मार्गदर्शन मिलना चाहिए.
कई महीनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि डीके शिवकुमार सिद्धारमैया की जगह मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हालाँकि लगभग हर बार इस बात का खंडन किया गया है, लेकिन ऐसी अटकलें कभी विधायकों के बीच तो कभी राजनीतिक गलियारों में चलती रही हैं. पिछले महीने ही सिद्धारमैया ने ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि वह पूरे पाँच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री हैं.
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राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं सिद्धारमैया
एनडीटीवी के अनुसार, कर्नाटक विधानसभा में एमएलसी और मुख्यमंत्री के पुत्र यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा, “मेरे पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं. इस समय उन्हें एक मज़बूत विचारधारा और प्रगतिशील सोच वाले नेता की ज़रूरत है जो उनका मार्गदर्शन कर सके. जारकीहोली ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को बनाए रख सकते हैं और पार्टी का नेतृत्व भी कर सकते हैं. मेरा मानना है कि ऐसी विचारधारा वाला नेता मिलना बहुत मुश्किल है और मैं चाहता हूँ कि वह अपना अच्छा काम जारी रखें।” यतींद्र के इस बयान के समय जारकीहोली भी कार्यक्रम में मौजूद थे.
‘अभी मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं होगा’
इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक राज्य मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं होगा. सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा, “सरकार तालुका पंचायतों और जिला पंचायतों सहित सभी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के लिए तैयार है. अदालत का आदेश मिलते ही हम चुनाव कराएंगे. सभी चुनाव चरणों में होंगे. चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करते हैं. पहले चुनाव खत्म होने दीजिए, उसके बाद हम मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में सोचेंगे.”
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