Home > उत्तर प्रदेश > Hardoi, UP News: RRC सेंटर और पंचायत लर्निंग सेंटर के निर्माण में काम मिला अधूरा, गांव के प्रधान और विकास अधिकारी पर FIR दर्ज

Hardoi, UP News: RRC सेंटर और पंचायत लर्निंग सेंटर के निर्माण में काम मिला अधूरा, गांव के प्रधान और विकास अधिकारी पर FIR दर्ज

Uttar Pradesh News: टोडरपुर पंचायत में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। खंड विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर ग्राम प्रधान श्याम बाबू त्रिवेदी और ग्राम विकास अधिकारी कौशलेन्द्र राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत कर योजनाओं की रकम हड़प ली।

By: Srishti Sharma | Published: August 26, 2025 1:31:51 PM IST



आलोक सिंह की रिपोर्ट, Uttar Pradesh News: टोडरपुर पंचायत में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। खंड विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर ग्राम प्रधान श्याम बाबू त्रिवेदी और ग्राम विकास अधिकारी कौशलेन्द्र राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत कर योजनाओं की रकम हड़प ली। खास बात यह है कि आरोपी प्रधान ब्लॉक प्रमुख का देवर और प्रतिनिधि है तथा प्रदेश सरकार की एक मंत्री का बेहद करीबी बताया जा रहा है, जिससे मामले में राजनीतिक दबाव देखा जा रहा है।

छह महीने बाद भी काम नहीं हुआ शुरू

अंत्येष्टि स्थल, RRC सेंटर और पंचायत लर्निंग सेंटर के निर्माण के लिए लाखों रुपये जारी हुए, लेकिन काम अधूरा मिला। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, अंत्येष्टि स्थल के लिए 24 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन छह महीने बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। RRC निर्माण में केवल नींव का काम ही किया गया। पंचायत लर्निंग सेंटर के लिए स्वीकृत 7 लाख रुपये में से 90% खर्च दिखाया गया, जबकि भवन अधूरा और बंद मिला। न बिजली की व्यवस्था थी, न फर्नीचर और न ही स्मार्ट टीवी खरीदा गया। 

Vandebharat Train News: मेरठ से चलेगी देश की दूसरी लंबी दूरी की वंदेभारत, 783 km की दूसरी तय कर पहुंचेगी वाराणसी

प्रधान और सचिव  पर आरोप

पंचायत भवन की हालत बेहद खराब पाई गई। दीवारें टूटी हुई थीं, शौचालय जर्जर थे और परिसर में जलभराव था। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान और सचिव ने मिलीभगत कर योजनाओं की रकम हड़प ली। आरोपी प्रधान के रसूखदार होने के कारण मामले में राजनीतिक दबाव देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब रसूखदार लोग मामले को सुलटाने और अधूरे कार्य पूरे कराकर “एफआर” लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। कंसलटेंट इंजीनियर ने बिना काम देखे एमबी पास कर भुगतान रिलीज किया। नियम के अनुसार, C E की माप पुस्तिका (एमबी) के बाद ही भुगतान निकलता है।

प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि CE भी इस घोटाले में बराबर का दोषी है, लेकिन उसे एफआईआर से बाहर रखा गया। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करता है या मामला दबा दिया जाता है। वैसे, ऐसे मामलों में प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लग सके और सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच सके। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों को बख्शा न जाए। 

इस गांव में सैकड़ों पत्नियों ने पति को दिया जहर, वजह जान उड़ेंगे होश

प्रशासन को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे
अगर प्रशासन सख्त कार्रवाई करता है तो इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचेगा। साथ ही, इससे प्रशासन की ईमानदारी और पारदर्शिता भी दिखाई देगी। टोडरपुर पंचायत में हुए घोटाले की जांच और कार्रवाई से यह पता चलता है कि प्रशासन को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। इससे ही भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचेगा।

Trump on India Pakistan Ceasefire: 100% टैरिफ की धमकी देकर…Trump ने फिर दोहराई भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाने की बात

Advertisement