Gurugram Rain: गुरुग्राम कुछ ही घंटों में जलमग्न हो गया, कुछ ही समय में पानी की दुनिया में बदल जाना, अक्सर हैरान कर देने वाला है। हालाँकि, गुरुग्राम में बाढ़ आना एक आम बात है। जैसे-जैसे गुड़गांव गुरुग्राम में तब्दील हुआ, अरावली की ढलानों पर कंक्रीट का घना जंगल उग आया और साहिबी नदी और जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्र को चीरती हुई सड़कें बन गईं। इसलिए, गुड़गांव का बाढ़ग्रस्त होना किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं करना चाहिए।
पानी भरने की वजह
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें, गुड़गांव असल में 20 साल पहले तक भी एक गाँव जैसा ही था। गुड़गांव की सैटेलाइट इमेजरी (यहाँ 1984 से 2022 तक) से इस बात का खुलासा हुआ है कि कैसे इसकी भौगोलिक स्थिति, जहाँ कई जलाशय थे, अब अनियंत्रित निर्माण की वजह से धूसर कालीन जैसी हो गई है। जैसे-जैसे गुड़गांव का विकास हुआ, उसने एक के बाद एक इमारतें बनाईं, अरावली पहाड़ियों की ढलान पर एक के बाद एक सेक्टर जोड़े।
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दिल्ली से लेकर पंजाब तक तबाही
गुड़गांव का प्राकृतिक ढलान साहिबी नदी की ओर है, जो हरियाणा के गुरुग्राम जिले और दिल्ली के बीच दो हिस्सों में सीमा निर्धारित करती है। साहिबी नदी, जो अब एक नाले में तब्दील हो चुकी है, दिल्ली में नजफगढ़ नाले के रूप में बहती है। एनसीआर में, यह नदी, बल्कि नाला, पारिस्थितिक रूप से मृत है।पुराने ज़माने के गुड़गांव में, अरावली पर्वतमाला से बारिश का पानी साहिबी नदी के जलग्रहण क्षेत्र की ओर प्राकृतिक रूप से बहता था। सरकारी मानचित्रों में साहिबी नदी को आज भी हरियाणा, खासकर गुरुग्राम के पड़ोसी रेवाड़ी ज़िले की सिंचाई और जल निकासी व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया गया है।