Assam CM Himanta Biswa Sarma: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार (19 अगस्त) को कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से कुछ अजनबी लोग राज्य में आ रहे हैं। अगर ये लोग सीमा पार करते हैं, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन लोगों पर नज़र रख रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार रात गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) पहुंचे, जहां उन्होंने एक नवजात शिशु की मौत के बाद मीडिया से बात की।
इस दौरान सीएम ने कहा कि ये लोग वकील हैं जो मुंबई और केरल से आए हैं। हम इन लोगों पर नज़र रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट किया जा रहा था, तब ये लोग आए थे और उन्होंने पूरी प्रक्रिया को बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा कि उस समय सरकार ने उनकी गतिविधियों पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब हम सब पर नज़र रख रहे हैं। अगर वे नियमों के विरुद्ध अपनी सीमा पार करते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
‘चरमपंथी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे’
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हम किसी भी चरमपंथी गतिविधि या संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वह केरल से हो, मुंबई से हो या दिल्ली से। उन्होंने कहा कि ये कट्टरपंथी लोग हैं जो कुछ समूहों की गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और उनका संरक्षण करते हैं।
‘कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए’
इस बीच, सीएम ने आरोप लगाया कि एनआरसी प्रक्रिया के दरम्यान कुछ लोगों ने जानबूझकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। उन्होंने कहा कि एक ही नाम का फायदा उठाकर उन लोगों के नाम दर्ज करके फर्जी रिकॉर्ड बनाए गए जो सूची में शामिल होने के योग्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से रह रहे लोगों के फर्जी रिश्तेदार बनाए गए, जो सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर जैसे कुछ लोगों के दिमाग की उपज है।
‘पाँच सालों में कई अनियमितताएँ पाई गईं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मुद्दे अब सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच सालों में हमें ऐसी कई अनियमितताएँ मिली हैं और अब हम इन्हें सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में उरियामघाट में सबसे बड़ी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बीबीसी की एक टीम वहाँ आई थी, लेकिन उन्हें वन क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वन क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। इस बार हम कड़े कदम उठा रहे हैं और किसी को भी इन मुद्दों का फायदा नहीं उठाने देंगे।
नवजात की मौत की जाँच के लिए समिति गठित
जीएमसीएफ के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एआईसीयू) में सोमवार सुबह एक नवजात की मौत हो गई। वह चिकित्सा उपकरणों के तारों से लटका मिला। नवजात के परिजनों ने ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एक जाँच समिति गठित की गई है।
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