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मुसलमानों के इस काम की वजह से रात 1 बजे किया गया हमला, CDS ने किया बड़ा खुलासा

operation sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहला हमला 7 मई को रात 1 से 1.30 बजे के बीच पाकिस्तान में नौ चिन्हित आतंकवादी ठिकानों पर किया गया।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: September 19, 2025 12:30:13 PM IST



Operation Sindoor: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)) जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक नए तरह के युद्ध की शुरुआत थी.इसने साबित कर दिया कि भारत ने पाकिस्तान को हर बार करारी शिकस्त दी है.उन्होंने बताया कि इस जंग का उद्देश्य अन्य युद्धों से अलग था।चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान ने बताया कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को रात 1 बजे करने का फैसला खास सोच-विचार के बाद किया था.इस समय का चुनाव दो वजहों से किया गया था,

इस वजह से चुना रात का समय

पहली हमें अपनी फौज की ताकत और काबिलियत पर पूरा भरोसा था कि वे अंधेरे में भी सटीक तस्वीरें ले सकते हैं.
दूसरी हम आम लोगों की जान बचाना चाहते थे. उन्होंने बताया कि 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक में सैटेलाइट की कोई तस्वीरें नहीं थीं, लेकिन इस बार हमने समय ऐसा चुना ताकि सुबह की पहली अज़ान या नमाज़ के वक्त हमला न हो, क्योंकि उस समय बहुत से लोग मौजूद होते हैं और उनकी जान खतरे में पड़ सकती थी.

जनरल चौहान ने कहा, “सबसे अच्छा समय 5:30 या 6 बजे सुबह होता, लेकिन वह पहला अज़ान और नमाज़ का वक्त होता. उस समय बहुत से आम लोग घायल या मारे जा सकते थे। हम ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते थे.”

ऑपरेशन सिंदूर की पहली एयरस्ट्राइक 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हुई.इस हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकवादी लॉन्चपैड तबाह कर दिए। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब था, जिसमें 26 आम लोग मारे गए थे.

ऑपरेशन सिंदूर: युद्ध का एक ‘नया तरीका’

अनिल चौहान ने कहा कि यह एक नए प्रकार का युद्ध था. उन्होंने बताया कि पहले के युद्धों में जीत इस बात से तय होती थी कि दुश्मन के कितने इलाके पर कब्ज़ा किया गया, कितने हथियार नष्ट किए गए, कितने सैनिक मारे गए या कितने सैनिक पकड़े गए. हालाँकि, ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य अलग था.

जनरल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में जीत का पैमाना हमले में प्रदर्शित उच्च तकनीक थी. उन्होंने बताया कि रात में लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगाना सबसे बड़ी चुनौती थी. चौहान ने कहा कि इस हमले में हमने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से हरा दिया.

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सेना में शामिल होने के लिए किया प्रोत्साहित 

जनरल चौहान ने बच्चों को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें बड़े होकर सेना में शामिल होने की इच्छा रखने की सलाह दी. उन्होंने बच्चों से डिजिटल दुनिया से बाहर निकलकर नए अनुभव हासिल करने का भी आग्रह किया.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. इस हमले के बाद, भारतीय सेना ने अपने ही देश में बैठकर उनके आतंकवादी संगठन का सफाया कर दिया और ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया.

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