Japanese 30 minute walking method: आज के समय में उच्च रक्तचाप (बीपी) एक आम लेकिन खतरनाक समस्या बन गई है। बढ़ा हुआ रक्तचाप धीरे-धीरे हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यही वजह है कि उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। वहीं, इसे नियंत्रित करने के लिए दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना भी बेहद ज़रूरी है। इसी कड़ी में एक खास जापानी तरकीब चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्या है यह खास तरकीब?
जापानी शोधकर्ताओं ने रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए एक खास तकनीक विकसित की है। इसे ‘इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग’ नाम दिया गया है। आइए जानते हैं कि इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग क्या है और यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में कैसे असर दिखाती है।
इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग(interval walking training) क्या है?
इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग जापान के प्रोफेसर हिरोशी नोज़ और शिज़ुए मसुकी द्वारा वर्ष 2007 में विकसित की गई थी। इस तकनीक में चलने को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
इंटरवल वॉकिंग कैसे करें?
तेज़ चलना
3 मिनट तक तेज़ गति से चलें, ताकि आपकी साँसें थोड़ी तेज़ हो जाएँ और आपकी हृदय गति बढ़ जाए।
धीमी गति से चलना
इसके बाद, धीमी गति से, आराम से, 3 मिनट तक चलें।
इस पैटर्न को 5 बार दोहराया जाता है। यानी कुल 30 मिनट की पैदल यात्रा की जाती है, जिसमें 15 मिनट तेज़ गति से और 15 मिनट धीमी गति से की जाती है।
कई सारे हैं फायदे
- रक्तचाप को नियंत्रित करने के अलावा, अंतराल पैदल यात्रा आपको कई अन्य लाभ भी दे सकती है। जैसे-
- यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है।
- यह पैरों को मज़बूत बनाता है, जिससे आपको अपने रोज़मर्रा के काम बेहतर ढंग से करने में मदद मिलती है।
- यह रक्त शर्करा को नियंत्रित रखता है, जिससे यह टाइप-2 मधुमेह वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
- इन सबके अलावा, रोज़ाना थोड़ी देर टहलने से मूड अच्छा रहता है, नींद गहरी आती है और तनाव भी कम होता है।
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शुरुआत कैसे करें?
- शुरुआत में केवल एक मिनट तेज़ और तीन मिनट धीमी गति से चलें।
- धीरे-धीरे तीन मिनट तेज़ और तीन मिनट धीमी गति तक पहुँचें।
- इस दौरान अपनी पीठ हमेशा सीधी रखें और अपनी नज़र आगे की ओर रखें।
- इसके अलावा, शुरुआत में किसी अन्य व्यक्ति की देखरेख में ही इस तरह चलें।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें