हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है. जांच की दिशा में तेजी लाते हुए पुलिस ने छह सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है, जो इस सनसनीखेज घटना की तह तक जाकर पूरी तरह से जांच करेगी. इस टीम का नेतृत्व चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार कर रहे हैं और इसका उद्देश्य सुसाइड नोट में बताए गए आरोपों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करना है.
2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने अपने कई पन्नों के सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत कुल 13 अधिकारियों के नाम लिए हैं. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार बनाया, जिसके कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और उन्होंने यह फैसला लिया.
IPS पूरन के परिवार को किससे है खतरा? सुसाइड नोट में दर्जनों वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप!
एक नहीं तीन सुसाइड नोट छोड़े
पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली और तीन सुसाइड नोट छोड़े। गुरुवार शाम को एक संक्षिप्त बयान में, चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम हैं, उनके खिलाफ धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है. एफआईआर सेक्टर 11 पुलिस थाने में दर्ज की गई. आगे की जाँच जारी है.
6 सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम
चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता वाली यह एसआईटी मामले की जांच करेगी.