बॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के पीछे कोई बड़ा प्लान या लंबी सोच नहीं थी, बल्कि एक छोटा-सा आइडिया ही उनका बीज बना। कई बार हुआ है कि एक मामूली-सी सोच या अखबार की एक हेडलाइन ही पूरी फिल्म की नींव बन गई। आज हम आपको बताएंगे तीन ऐसी फिल्मों की कहानियां, जिनकी शुरुआत बेहद साधारण तरीके से हुई, लेकिन नतीजा ऐसा आया कि ये फिल्में ब्लॉकबस्टर बन गईं। इनमें से एक फिल्म ने तो दुनिया का रिकॉर्ड भी बना दिया। हाल ही में डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया है।
शोले- चार लाइनों से बना सिनेमा का इतिहास
रमेश सिप्पी ने बताया कि ‘शोले’ की शुरुआत बस चार लाइनों से हुई थी, जिसे सलीम-जावेद ने लिखा था। उस वक्त वह ‘मजबूर’ डायरेक्ट करने वाले थे, लेकिन उनके पिता ने कहा कि इस कहानी पर काम करो। सिप्पी मानते हैं कि यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सही फैसला था।
• हेमामालिनी को बसंती बनने में हिचकिचाहट थी क्योंकि उन्होंने रमेश सिप्पी संग सीता और गीता कर ली थी।
• गब्बर सिंह का रोल पहले डैनी को मिला था, लेकिन बाद में अमजद खान को कास्ट किया गया।
• सिप्पी मानते हैं कि अमजद खान की खौफनाक मौजूदगी ने पूरी फिल्म को नया जीवन दिया।
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अमर अकबर एंथनी- अखबार की हेडलाइन ने बदल दी किस्मत
रमेश सिप्पी ने इस फिल्म के बारे में कहा कि मनमोहन देसाई ने एक सुबह अखबार में पढ़ा कि किसी पिता ने अपने तीन बच्चों को पार्क में छोड़ दिया। वहीं से फिल्म की नींव रखी गई।
• सिप्पी का मानना है कि मनमोहन देसाई ने उस आइडिया को मजेदार और रंगीन अंदाज में पेश किया।
• अमर अकबर एंथनी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारत की धार्मिक एकता का सेलिब्रेशन थी।
राम तेरी गंगा मैली- एक भजन से निकली पूरी कहानी
राज कपूर की इस फिल्म को लेकर रमेश सिप्पी ने कहा कि यह आइडिया एक भजन से निकला। राम तेरी गंगा मैली हो गई सुनकर राज कपूर ने सोचा कि अगर गंगा दूषित हो सकती है, तो समाज और इंसान क्यों नहीं?
• सिप्पी का मानना है कि मनमोहन देसाई ने उस आइडिया को मजेदार और रंगीन अंदाज में पेश किया।
• अमर अकबर एंथनी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारत की धार्मिक एकता का सेलिब्रेशन थी।