Home > मनोरंजन > बॉलीवुड > Dhurandhar Controversy: कौन हैं मेजर मोहित शर्मा, क्या उन्हीं पर आधारित है ये फिल्म; यहां जानें उनके परिवार ने क्यों खटखटाया कोर्ट का दरवाजा?

Dhurandhar Controversy: कौन हैं मेजर मोहित शर्मा, क्या उन्हीं पर आधारित है ये फिल्म; यहां जानें उनके परिवार ने क्यों खटखटाया कोर्ट का दरवाजा?

Major Mohit Sharma Story: मेजर मोहित शर्मा एक स्पेशल फोर्सेज़ (SF) ऑफिसर थे. अशोक चक्र से पहले, उन्हें J&K में एक टेररिस्ट ग्रुप में घुसपैठ करने और दो मिलिटेंट्स को मारने के लिए बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था.

By: Shubahm Srivastava | Published: December 5, 2025 12:43:44 AM IST



Dhurandhar Movie Controversy: रणवीर सिंह स्टारर बॉलीवुड मूवी धुरंधर कानूनी मुश्किल में पड़ गई, क्योंकि एक बहुत सम्मानित आर्मी ऑफिसर के परिवार ने बिना किसी सही जानकारी के दावा किया कि यह उनकी ज़िंदगी पर आधारित है. मेजर मोहित शर्मा ने 2009 में J&K में मिलिटेंट्स से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी. उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत का शांति के समय का सबसे बड़ा गैलेंट्री अवॉर्ड है.

उनके माता-पिता ने धुरंधर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जो 5 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली थी, और अपने बेटे की विरासत और पर्सनैलिटी की सुरक्षा की मांग की. वे यह भी चाहते थे कि रिलीज़ से पहले परिवार के लिए फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग हो.

फिल्ममेकर आदित्य धर ने कहा है कि मूवी फिक्शनल है और मेजर की ज़िंदगी पर आधारित नहीं है. सेंसर बोर्ड ने मंगलवार (2 दिसंबर) को मूवी को हरी झंडी दे दी.

मेजर मोहित शर्मा कौन थे, धुरंधर फिल्म को लेकर उनके परिवार को क्या एतराज़ हैं?

मेजर मोहित शर्मा एक स्पेशल फोर्सेज़ (SF) ऑफिसर थे. अशोक चक्र से पहले, उन्हें J&K में एक टेररिस्ट ग्रुप में घुसपैठ करने और दो मिलिटेंट्स को मारने के लिए बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. 1978 में रोहतक में जन्मे मेजर मोहित शर्मा 1995 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में शामिल हुए. इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से पास आउट होने के बाद उन्हें दिसंबर 1999 में मद्रास रेजिमेंट की 5वीं बटालियन में कमीशन मिला.

राष्ट्रीय राइफल्स में J&K में कुछ समय बिताने के बाद, मेजर शर्मा ने अपनी मर्ज़ी से स्पेशल फोर्सेज़ में शामिल होने का फैसला किया. ट्रेनिंग और प्रोबेशन के बाद, वह आखिरकार 1 पैराशूट बटालियन (स्पेशल फोर्सेज़) में शामिल हो गए. इसी बटालियन में अपने समय के दौरान उन्हें बहादुरी के लिए सेना मेडल मिला. कहा जाता है कि उन्होंने 2004 में हिजबुल मुजाहिदीन ग्रुप में छिपकर सफलतापूर्वक घुसपैठ की थी.

2009 में, मेजर शर्मा को फिर से जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा में एक स्पेशल फोर्सेज यूनिट के साथ तैनात किया गया था. उन्होंने एक एक्शन में हिस्सा लिया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए, लेकिन इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी जान चली गई. अपनी ड्यूटी में बहादुरी के कामों के लिए, मेजर मोहित शर्मा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.

मैं कुछ नहीं कहूंगी…7 साल बड़े Vijay Deverakonda की दुल्हन बनने पर Rashmika Mandanna ने कही ऐसी बात, फैंस रह जाएंगे हैरान!

धुरंधर को मेजर मोहित शर्मा से क्यों जोड़ा जा रहा है?

मेजर मोहित शर्मा के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि रणवीर सिंह का किरदार उन पर आधारित है. यह किरदार पाकिस्तान में एक आतंकवादी नेटवर्क में घुसपैठ करता है और उसे खत्म कर देता है. उन्होंने कहा है कि फिल्म में मेजर शर्मा की कहानी और कामों का इस्तेमाल करने से पहले परिवार से कोई इजाज़त नहीं ली गई थी.

सोशल मीडिया पर, यह अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि फिल्म के कई दूसरे किरदार भी असल ज़िंदगी के लोगों पर आधारित हैं. संजय दत्त कराची पुलिस के ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ चौधरी असलम खान स्वाति का रोल करने वाले हैं, जो 2014 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के किए गए बम ब्लास्ट में मारे गए थे.

अक्षय खन्ना का कैरेक्टर भी कराची के ल्यारी इलाके के जाने-माने क्रिमिनल सरदार अब्दुल रहमान बलूच पर आधारित बताया जा रहा है, जो 2009 में मारा गया था. एक और कैरेक्टर कथित तौर पर नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल जैसा दिखता है, जो एक पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर थे.

कोर्ट में क्या हुआ?

पिटीशन 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए आई थी. पिटीशन में कहा गया था कि ‘धुरंधर को पब्लिकली प्रमोट किया जा रहा है ताकि यह परसेप्शन बनाया जा सके कि यह मेजर मोहित शर्मा की ज़िंदगी, पर्सनैलिटी और ऑपरेशन्स पर आधारित है. यह आरोप लगाया गया कि यह परिवार से बिना किसी सहमति, सलाह या ऑथराइज़ेशन के किया जा रहा है.

फिल्म के डायरेक्टर, स्क्रीनराइटर और को-प्रोड्यूसर ने इस बात से साफ मना कर दिया कि फिल्म को मेजर शर्मा की ज़िंदगी से प्रेरित बताकर प्रमोट किया जा रहा है. कहा गया कि फिल्म पूरी तरह से एक फिक्शन है और सच्ची घटनाओं से प्रेरित होने के बावजूद, इसका मेजर से कोई लेना-देना नहीं है.

कोर्ट ने पिटीशन का निपटारा इन निर्देशों के साथ किया-

(i) सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन फिल्म की रिलीज़ के लिए ज़रूरी सर्टिफिकेशन देने से पहले, पिटीशनर की बताई गई चिंताओं सहित मामले के सभी ज़रूरी पहलुओं पर विचार करेगा.

(ii) अगर सही लगा, तो सेंसर बोर्ड आखिरी फैसला लेने से पहले मामले को इंडियन आर्मी के संबंधित अधिकारियों को भेजेगा.

Raveena Tandon Viral Video: भीड़ के बीच रवीना ने किया ऐसा काम कि लोगों ने करी जमकर तारीफ, देखें वीडियो..!

Advertisement