Central Government Health Scheme: केंद्र सरकार ने हेल्थकेयर सेवाओं को और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of health and family welfare) के माध्यम से सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) और सेंट्रल सिविल सर्विसेज (Medical attendance) नियम, 1944 के तहत ट्रांसजेंडर आश्रितों को भी मेडिकल लाभ देने का फैसला किया है. अब, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, इन सभी सुविधाओं के पात्र होंगे. इस कदम को समावेशिता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
सरकार द्वारा जारी सर्कुलर में क्या है? (What is stated in the circular issued by the government?)
हाल ही में जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन अब चाहे वो किसी भी उम्र से ताल्लुक रखते हों मेडिकल लाभ के पात्र होंगे. आसान शब्दों में इसे समझाने का प्रयास करें तो अब उम्र इन आश्रितों के लिए कोई बाधा नहीं होगी और उन्हें पूरा मेडिकल कवरेज मिलेगा. ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए समानता, सामाजिक न्याय और समावेशिता सुनिश्चित करने की दिशा में यह सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के परिवारों में ट्रांसजेंडर आश्रितों को हेल्थकेयर तक पहुंच सुनिश्चित होगी.
लाभार्थियों के पास होना चाहिए प्रमाण पत्र (Beneficiaries must have a certificate)
यह फैसला ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अनुरूप है. 16 सितंबर, 2025 के सरकारी आदेश के अनुसार, यह स्पष्ट किया गया है कि ट्रांसजेंडर बच्चे या भाई-बहन तभी इन लाभों के पात्र होंगे, जब वे पूरी तरह से आर्थिक रूप से आश्रित हों. आर्थिक निर्भरता की परिभाषा और आय सीमा पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय के 2016 के नोटिफिकेशन में बताई जा चुकी है. लाभार्थियों के पास जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया ऐसा प्रमाणपत्र होना आवश्यक है, जो ट्रांसजेंडर पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत मान्य हो.
CGHS में किए गए हैं कई सुधार (Many improvements have been made to the CGHS system)
पिछले 12 महीनों में CGHS में कई सुधार किए गए हैं. सरकार ने पोर्टल और मोबाइल ऐप को और बेहतर बनाया है, कैशलैस इलाज की सुविधा अधिक अस्पतालों तक बढ़ाई है, नए प्राइवेट अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर पैनल में जोड़े गए हैं, ऑनलाइन रेफरल सिस्टम को सरल किया गया है, दवाओं की उपलब्धता पर ध्यान दिया गया है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष हेल्पडेस्क खोले गए हैं. इन पहलों से लाखों लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है.
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