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Rohini Acharya के ‘अपमान’ पर खौला मामा का खून! तेजस्वी,रमीज़, संजय की लगा दी क्लास

Lalu Family: रोहिणी मामले पर अपने बयान में सुभाष यादव ने तेजस्वी यादव, रमीज़ और संजय को कड़ी फटकार लगाई और पूरे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी.

By: Shivani Singh | Last Updated: November 17, 2025 6:18:23 PM IST



Bihar Politics News: बिहार की राजनीति में लालू परिवार अपनी निजी जीवन को लेकर हमेशा से सुर्ख़ियों में रहा है, कभी बहू ऐश्वर्या को लेकर तो कभी बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को लेकर, और इस बार लालू परिवार बेटी रोहिणी और बेटे तेजस्वी यादव की वजह से सुर्ख़ियों में है. क्योंकि रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपने भाई तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाये हैं. आरोप है कि रोहिणी पर उनके मायके में उनपर चप्पल उठाया गया, गंदी गालियां दी गई हैं. इस बीच रोहिणी आचार्य के साथ हुए इस बुरे बर्ताव के लिए उनके मामा सुभाष यादव ने तेजस्वी की आलोचना की. 

गंदी किडनी देने के आरोप पर सुभाष यादव ने क्या कहा 

उन्होंने कहा कि तेजस्वी माँ-बहिन योजना की बात करते हैं, लेकिन वे अपनी ही बहन को गाली दे रहे हैं और चप्पलों से मारने की कोशिश कर रहे हैं. पूरे राजद को उनसे बात करनी चाहिए और इस अन्याय को खत्म करना चाहिए. रोहिणी द्वारा लगाए गए गंदी किडनी और पैसे लेने के आरोप पर, उन्होंने कहा कि वह एक मजबूत परिवार से हैं और बहुत अमीर हैं. उनके पति 12 लाख रुपये प्रति माह कमाते हैं और परिवार के अन्य सभी सदस्य अच्छे पदों पर हैं और अच्छी कमाई करते हैं, इसलिए ये सभी आरोप निराधार हैं.

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रमीज और संजय के बारे में क्या कहा 

उन्होंने रमीज़ के बारे में भी बात की और कहा कि उसे मई में ही ज़मानत कैसे मिली और वह तेजस्वी के बेडरूम में कैसे घुस गया? बिहार पुलिस को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि एक अपराधी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे से कैसे जुड़ा. वह संजय यादव का भी ज़िक्र करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने पार्टी को बेच दिया है और सिर्फ़ दलाली कर रहे हैं. वे सिर्फ़ पैसा कमा रहे हैं.

बिहार चुनाव में राजद के प्रदर्शान पर क्या कहा 

वह तीन बेटियों के घर छोड़कर जाने की बात करते हैं और बताते हैं कि जब यह सब हुआ तब सभी सात बहनें घर पर थीं और कोई कुछ नहीं कर सका. वे सभी सदमे में हैं. वह यह भी कहते हैं कि उन्होंने मजीठिया संक्रांति के दौरान बताया था कि राजद 20 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी और हुआ भी वही, पार्टी सिर्फ़ 25 सीटें ही जीत पाई.

वह यह भी कहते हैं कि जब वह लालू और राबड़ी के साथ थे, तब उन्हें जीत मिली और वह पार्टी छोड़कर चले गए, तब से पार्टी का पतन हो रहा है और लालू के नीतीश कुमार से हाथ मिलाने के बाद ही यह स्थिति आई है.

तेजप्रताप के बारे में क्या कहा 

वह यह भी कहते हैं कि तेज प्रताप को ग़लत तरीके से पेश किया जा रहा है, लेकिन वह परिवार में सबसे सही व्यक्ति हैं. वह बिहार में एनडीए को नैतिक समर्थन देने वाले तेज प्रताप के बारे में भी बात करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने अच्छा काम किया है और उन्हें चुनाव से पहले एनडीए से हाथ मिला लेना चाहिए था, अगर वह चुनाव नहीं हारते.

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