Tips For Hair Growth : लोगों को अपने बालों (Hair Growth) से काफी ज्यादा प्यार होता है, फिर चाहे वह महिलाएं हो या फिर पुरुष. दुनियाभर में गंजेपन से परेशान लोगों के लिए एक बेहतरीन खबर सामने आई है. जो लोग अपने गिरते हुए बालों को देखकर मायूस हो जाते थे. उनके लिए यह खबर एक बड़ी राहत लेकर आई है. बालों के झड़ने के प्रमुख कारणों में से एक एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic alopecia) है. इसे पैटर्न हेयर लॉस (Pattern Hair Loss) भी कहा जाता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में 50 प्रतिशत तक हो सकता है.
गंजेपन से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी
रोगेन (Rogen) जैसे उत्पादों ने कई लोगों को बाल उगाने में मदद की है. हालांकि इसके कई नुकसान भी देखने को मिलते हैं. दरअसल मानक उपचारों में ज्यादातर पानी में घुलनशीलता और त्वचा की पारगम्यता कम होती है. इसी कारण बाल विकास विशेषज्ञ माइक्रोनीडलिंग के साथ मिनोक्सिडिल (Minoxidil) लगाते हैं. ताकि इस तरह के नुकसान से बचा जा सकें. इस तकनीक में स्किन में छोटे-छोटे छेद करके विकास कारकों को उत्तेजित किया जाता है.
बाल उगाना हुआ आसान
वहीं बाल उगाने के लिए एक और भी ज्यादा बेहतर अध्ययन सामने आया है. चीन और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक घुलने वाला पैच विकसित किया है. यह माइक्रोनीडलिंग का काम करते हुए स्कैल्प तक मिनोक्सिडिल की एक खुराक भी पहुंचा सकता है. स्टीवियोसाइड (STV) जो स्टीविया पौधे से प्राप्त होता है, यह एक प्राकृतिक स्वीटनर है. इस अध्ययन के परिणाम एडवांस्ड हेल्थकेयर मैटेरियल्स मैगजीन मे भी प्रकाशित हुई है.
Bhai Dooj 2025: जब तिलक हुआ डिजिटल, प्यार हुआ वर्चुअल! Gen Z ने बदल दिया त्योहार का ट्रेंड
क्या कहती है स्टडी?
अध्ययन में लिखा गया है कि- “सटीवी को एक नए घुलनशील एजेंट के रूप में इस्तेमाल करते हुए, इसे मिनोक्सिडिल को एक घुलने वाले माइक्रोनीडल पैच में शामिल किया. फिर इसका इस्तेमाल मिनोक्सिडिल की घुलनशीलता और पारंपरिक वाहक एकल-कार्य विधियों की सीमाओं को दूर रखने के लिए किया गया.” यह विधि त्वचा में दवा के प्रवेश को बढ़ाती है.” आगे लिखा कि “टेस्टोस्टेरोन सीधे तौर पर गंजेपन का कारण नहीं बनता है. बल्कि एंजाइम 5α-रिडक्टेस टेस्टोस्टेरोन को डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (Dihydrotestosterone) में बदल देता है. जिसके कारण केराटिन बनाने वाली कोशिका खत्म हो जाती हैं. मिनोक्सिडिल कुछ एंजाइमों को दबाने का भी काम करता है. यह एरोमाटेज़ को भी बढ़ाता है, जो टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्राडियोल में बदल देता है. जिससे बालों के विकास में मदद मिलती है.” सिडनी विश्वविद्यालय के अध्ययन के सह-लेखक, लाइफेंग कांग ने गिज़मोडो को बताया, “चूहे के मॉडल के नतीजे काफी अच्छे हैं. हालांकि इंसानों के बालों के विकास का चक्र अलग होता है. लेकिन एलोपेसिया कई कारकों से प्रभावित होता है.”
इंडो-चाइनीज स्टाइल में पनीर फ्राइड राइस एक बार खाया, बार-बार याद आएगा