Gurmeet Maan Death: पंजाब के प्रसिद्ध लोक गायक गुरमीत मान का निधन हो गया है, जिससे उनके फैंस के बीच शोक की लहर है. हालांकि उनकी मृत्यु का सटीक कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन इस खबर ने पंजाबी मनोरंजन जगत को स्तब्ध कर दिया है.
यह खबर गायक-अभिनेता राजवीर जवंदा के हिमाचल प्रदेश में एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में 35 वर्ष की आयु में निधन के कुछ ही दिनों बाद आई है.
गीतों और पंजाबी सांस्कृति से गहरा जुड़ाव
गुरमीत मान अपनी भावपूर्ण आवाज़, मार्मिक गीतों और पंजाब की सांस्कृतिक जड़ों से गहरे जुड़ाव के लिए व्यापक रूप से प्रशंसित थे. रोपड़ में जन्मे, मान ने अपने संगीत के माध्यम से पंजाबी लोक परंपराओं के संरक्षण और उत्सव को समर्पित कर दिया. ग्रामीण चित्रण और भावपूर्ण कहानी कहने से भरपूर उनके गीतों ने पंजाब के गांवों के सार को दर्शाया, जिससे भारत और पूरे पंजाबी समुदाय में श्रोताओं के बीच पुरानी यादें और गर्व की भावनाएं जागृत हुईं.
पंजाब पुलिस में अधिकारी
अपनी संगीत उपलब्धियों के अलावा, गुरमीत मान ने पंजाब पुलिस में एक अधिकारी के रूप में भी काम किया और अपनी कलात्मक गतिविधियों और जनसेवा के बीच संतुलन बनाने की क्षमता के लिए सम्मान अर्जित किया. उनकी विनम्रता और समर्पण ने उन्हें मंच पर और मंच के बाहर, दोनों जगह एक प्रिय व्यक्ति बना दिया.
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गुरमीत मान के यादगार गीत और एल्बम
इन वर्षों में, मान ने कई यादगार गीत और एल्बम प्रस्तुत किए, जिनमें सोहरेयां दा पिंड और चंडीगढ़ इन रूम शामिल हैं. गायिका प्रीत पायल के साथ उनके सहयोग विशेष रूप से प्रिय थे – युगल गीत जिन्होंने प्रेम, लालसा और ग्रामीण जीवन के विषयों को खूबसूरती से चित्रित किया. बोलियाँ बोली मैं पवन और काके दियां पुरहियाँ जैसे गाने अपनी सच्ची भावनाओं और प्रामाणिकता के लिए प्रशंसकों के दिलों में गूंजते रहते हैं.
गायन के अलावा, गुरमीत मान ने पंजाबी कॉमेडी, अभिनय और प्रोडक्शन में भी योगदान दिया, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा और मनोरंजन के प्रति जुनून का परिचय मिला. उनके काम में पंजाब की सांस्कृतिक पहचान पर गहरा गर्व और उस विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने की चाहत झलकती थी.
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