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भारत ने अफगानिस्तान को लेकर लिया बड़ा फैसला, काबुल में करने जा रहा है ये काम; US-PAK समेत सभी के उड़े होश

India Afghanistan Ties: तालिबान का अभी सबसे बड़ा लक्ष्य दुनिया भर के देशों से मान्यता प्राप्त करना है. रूस के अलावा और किसी भी देश ने उसे मान्यता नहीं दी है.

By: Shubahm Srivastava | Published: October 10, 2025 8:42:49 PM IST



India Afghanistan Diplomatic Ties: तालिबान के सत्ता में आने के बाद से, काबुल और नई दिल्ली के बीच संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं. इसका एक बड़ा उदाहरण आज दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में देखने को मिला. इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम भारत द्वारा राजधानी काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को दूतावास के स्तर तक उन्नत करने की घोषणा थी.

इस बैठक के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “मुझे काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर तक उन्नत करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है.” गौरतलब है कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत ने काबुल स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया था.

भारत-अफगानिस्तान के बीच साझेदारी

बैठक के दौरान, एस. जयशंकर ने तालिबान के विदेश मंत्री से कहा, “आपकी यात्रा भारत-अफ़ग़ानिस्तान संबंधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. अफगानिस्तान  के लोगों के शुभचिंतक होने के नाते, भारत उनकी प्रगति में गहरी रुचि रखता है. हम अपनी दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

जयशंकर ने आगे कहा, “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान  द्वारा दिखाई गई संवेदनशीलता की हम सराहना करते हैं. भारत अफगानिस्तान  की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अफगानिस्तान  में खनन के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित करना भी सराहनीय है.”

भारत ने अभी नहीं दी है तालिबान को मान्यता

बता दें कि तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं. UNGC ने मुत्तकी को नौ अक्तूबर से 16 अक्तूबर तक भारत आने की अनुमति दी है. वैसे बता दें कि यह पहली बार है जब तालिबान के विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया है. हालांकि, भारत ने तालिबान को अब तक मान्यता नहीं दी है, लेकिन अब वहां अपना दूतावास फिर से शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा मुत्तक़ी आगरा और देवबंद भी जाएंगे और भारत में रह रहे अफगान लोगों से भी मुलाकात करेंगे.

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क्या है अफगान तालिबान की योजना?

वर्तमान में, तालिबान का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य दुनिया भर के देशों से मान्यता प्राप्त करना है. अफ़गानिस्तान की अंग्रेज़ी समाचार वेबसाइट टोलो न्यूज़ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुत्तक़ी की भारत यात्रा के दौरान तालिबान को मान्यता देना सर्वोच्च प्राथमिकता है.

इसके अलावा, राजनीतिक विश्लेषक सैयद अकबर सियाल वरदाक ने टोलो न्यूज़ को बताया, “मुझे नहीं लगता कि भारत अभी तालिबान को मान्यता देगा. भारत इस तरह का कोई भी फ़ैसला लेने से पहले अन्य मुद्दों पर विचार कर रहा है.”

आपकी जानकारी के लिए, तालिबान को सत्ता में आए चार साल हो चुके हैं और वर्तमान में रूस के अलावा, पाकिस्तान सहित किसी भी अन्य देश ने तालिबान को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है.

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