BCCI: भारतीय क्रिकेट इस समय एक बेहद उतार-चढ़ाव भरे बदलाव के दौर से गुज़र रहा है. शुभमन गिल ने इंग्लैंड में अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया और भारत को पहली एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 2-2 से ड्रॉ पर पहंचाया, लेकिन BCCI के फ़ैसले लेने वालों ने उन्हें भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने वाले खिलाड़ी के रूप में पहचान लिया है. इसलिए, उन्हें एशिया कप में भारत की टी20I टीम का उपकप्तान बनाया गया, ताकि समय आने पर वे सूर्यकुमार यादव की जगह ले सकें, और कुछ ही समय बाद, रोहित शर्मा की जगह उन्हें वनडे टीम का कप्तान भी बना दिया गया.
रोहित की जगह गिल को भारत का वनडे टीम का कप्तान बनाने के फ़ैसले पर हाल के दिनों में काफ़ी चर्चा हुई है, और कई लोगों का मानना है कि यह भारत के दो बार के ICC विजेता कप्तान के अंत की शुरुआत हो सकती है. 38 साल की उम्र में रोहित अब किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह ही हैं, इसलिए अगर वह दक्षिण अफ्रीका में 2027 में होने वाले वर्ल्ड कप में खेलने का सपना देखते हैं, तो उनके लिए लगातार रन बनाना और भी ज़रूरी हो जाता है. ICC का 50 ओवरों का महाकुंभ अभी दो साल से ज़्यादा दूर है, तब तक रोहित 40 साल के हो जाएंगे. आगे का रास्ता कठिन ज़रूर है, लेकिन इसे पार करना नामुमकिन नहीं है.
कोहली ने अपमान के कारण लिया संन्यास ?
इतना कुछ कहा जा चुका है कि पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ मनोज तिवारी ने कुछ चौंकाने वाले दावे किए हैं, और कहा है कि BCCI के इसी अनादर ने विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर मजबूर किया. 36 वर्षीय कोहली ने 12 मई को उस फॉर्मेट को आधिकारिक तौर पर अलविदा कहकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया, जिसे वह सबसे ज़्यादा पसंद करते थे. हालांकि न तो उन्होंने और न ही BCCI ने इस पर ज़्यादा प्रकाश डाला है, लेकिन तिवारी को इसमें एक साज़िश की आशंका है.
तिवारी ने CricTracker को बताया कि विराट ने टेस्ट क्रिकेट क्यों छोड़ा होगा? उन्होंने आगामी इंग्लैंड सीरीज़ के लिए मानसिक रूप से तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनके आस-पास के माहौल और हालात ने उन्हें गैर-ज़रूरी महसूस कराया. जब कोई खिलाड़ी, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, यह महसूस करने लगे कि उसकी ज़रूरत नहीं है या उसका सम्मान नहीं किया जाता है, तो आत्मसम्मान और गरिमा वाला खिलाड़ी कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा.
रोहित भी उठा सकते हैं कदम
कोहली BCCI की आलोचना झेल रहे हैं, ऐसे में तिवारी को चिंता है कि अगर BCCI उनका पर्याप्त सम्मान नहीं करता है तो यही बात रोहित पर भी लागू हो सकती है. तिवारी पहले ही बोर्ड के रोहित के साथ व्यवहार पर चिंता जता चुके हैं, जब उन्होंने भारत के लिए अपने आखिरी मैच में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, जो नौ महीनों में कप्तान के रूप में उनका दूसरा ICC खिताब था, तब उन्हें वनडे कप्तानी से हटा दिया गया था.
यही कारण है कि विराट ने चुपचाप टेस्ट क्रिकेट से दूरी बना ली, हताशा में नहीं, बल्कि आत्मसम्मान के कारण. और अगर चीजें इसी तरह चलती रहीं, तो मुझे सच में लगता है कि रोहित भी भविष्य में यह कदम उठा सकते हैं, इसलिए नहीं कि वह ऐसा करना चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि किसी भी महान खिलाड़ी को उस जगह पर नहीं रहना चाहिए जहां उसका अपमान हो.
कोहली और रोहित इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी लम्बे समय बाद वापसी तब करेंगे जब भारत Limited-Overs के दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा, जिसमें तीन वनडे और पांच टी20 मैच शामिल हैं. मार्च में फाइनल में न्यूज़ीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से यह कोहली और रोहित का भारत के लिए पहला मैच होगा. ऐसा लग रहा है कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज समाप्त होने पर कुछ हो सकता है. मुमकिन है एक या दो और खिलाड़ी रिटायर हो सकते हैं, लेकिन कुछ भी पक्का नहीं है.