सेवानिवृत्ति का मतलब सिर्फ़ नौकरी से आज़ादी पाना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा समय है जब आप आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर खुलकर ज़िंदगी जी सकते हैं. ऐसे में, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) लोगों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन गई है. इस बीच, एनपीएस में सबसे बड़ा बदलाव होने वाला है. पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एनपीएस दिवस (1 अक्टूबर) पर एक परामर्श पत्र जारी किया. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद ज़्यादा निश्चित, सुरक्षित और मुद्रास्फीति-समायोजित पेंशन मिले.
3 नई पेंशन योजनाओं का प्रस्ताव
परामर्श पत्र में एनपीएस के तहत तीन नई योजनाओं का प्रस्ताव है. प्रत्येक योजना को अलग-अलग ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. मौजूदा एनपीएस में लचीलापन है, लेकिन गारंटी उतनी मज़बूत नहीं थी. पीएफआरडीए का यह कदम पेंशनभोगियों के लिए ज़्यादा विकल्प उपलब्ध कराएगा.
पेंशन योजना 1 (लचीली योजना): निवेशक अपनी ज़रूरत के अनुसार पैसे निकाल सकते हैं. यह व्यवस्थित निकासी योजना (एसडब्ल्यूपी) और वार्षिकी का मिश्रण होगी.
पेंशन योजना-2 (सुनिश्चित लाभ): इस योजना में एक लक्षित पेंशन राशि निर्धारित की जाएगी और मुद्रास्फीति (CPI-IW सूचकांक) के आधार पर इसमें प्रतिवर्ष वृद्धि की जाएगी.
पेंशन योजना-3 (पेंशन क्रेडिट मॉडल): इस योजना में, निवेशक को प्रत्येक पेंशन क्रेडिट के लिए एक निश्चित मासिक पेंशन मिलेगी. इससे पेंशन राशि का पहले से अनुमान लगाया जा सकेगा.
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PFRDA ने हितधारकों से सुझाव मांगे
पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने सभी पेंशनभोगियों, निवेशकों, विशेषज्ञों और आम जनता से सुझाव मांगे हैं. लोग 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी प्रतिक्रिया ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं. इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2047 के विकसित भारत के विजन में प्रत्येक नागरिक की आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान सर्वोपरि है। इसके लिए पेंशन योजना सभी के लिए आवश्यक है.
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