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23 महीने जेल में रहने के बाद भी नहीं गई अकड़, काला चश्मा-सफेद कुर्ता पहन हीरो की तरह बाहर आएं Azam Khan

Azam Khan: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: September 23, 2025 1:26:10 PM IST



Azam Khan: समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता आजम खान कई आपराधिक मामलों में 23 महीने जेल में बिताने के बाद मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा हो गए. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जेल के बाहर उनका स्वागत किया. सीतापुर पुलिस ने जेल के बाहर भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए क्योंकि आजम खान की रिहाई ने बड़ी संख्या में समर्थकों को आकर्षित किया. खान के बड़े बेटे अदीब सैकड़ों पार्टी समर्थकों के साथ उनकी रिहाई के बाद उनका स्वागत करने के लिए सुबह से ही सीतापुर जिला जेल के बाहर जमा हो गए थे.

आजम खान आज के हीरो हैं-अदीब

अदीब ने कहा कि आजम खान आज के हीरो हैं। मैं उनके स्वागत के लिए उनके सभी समर्थकों के साथ यहां हूं. मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है. जो कुछ भी कहना होगा मेरे पिता जेल से बाहर आने के बाद कहेंगे.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

सीतापुर जेल प्रशासन ने सुचारू और शांतिपूर्ण रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे. खान के वकील जुबैर अहमद खान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल गई है और सीतापुर जिला जेल ने रिहाई का आदेश जारी कर दिया है. आजम खान को पहले 2022 में जमानत पर रिहा किया गया था. हालांकि अक्टूबर 2023 में उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने रामपुर अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और उन्हें सीतापुर जेल वापस भेज दिया गया था, जहां वह मंगलवार तक रहे.

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111 आपराधिक मामले दर्ज

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार खान पर 111 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से सात मामलों में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है, एक मामले को अदालत ने खारिज कर दिया है और नौ मामले सपा सरकार ने वापस ले लिए हैं. उन्हें छह मामलों में सजा सुनाई गई थी, लेकिन अब सभी में उन्हें जमानत मिल गई है.बाकी मामलों की सुनवाई अभी चल रही है.

वकील ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले हफ़्ते रामपुर पुलिस द्वारा 2020 में दर्ज की गई एक एफ़आईआर में लगाए गए तीन अतिरिक्त आरोपों के ख़िलाफ़ हम सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं. हम कहते हैं कि उन्हें उस मामले में ज़मानत मिल चुकी है और यह राज्य सरकार द्वारा उन्हें जेल में रखने की एक जानबूझकर की गई कोशिश है. पहले भी पुलिस ने एक मामले में कुछ अतिरिक्त धाराएं लगाई थीं जिस पर हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था और ज़मानत मिली थी. उन्होंने यह भी बताया कि रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट अब 1 अक्टूबर को अतिरिक्त तीन मामलों से संबंधित मामले की सुनवाई करेगी.

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