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क्या बदलने वाला है सबसे बर्बाद देश का भाग्य? 5 दशक के तानाशाही के बाद सीरिया में होगा चुनाव

Syria election: दशकों की तानाशाही और गृहयुद्ध के बाद सीरिया में इस महीने पहली बार चुनाव हो रहे हैं। लेकिन हर सीरियाई वोट नहीं डालेगा।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: September 22, 2025 3:11:44 PM IST



Syria election: चार दशकों से ज़्यादा की तानाशाही और एक दशक के क्रूर गृहयुद्ध के बाद सीरिया में इस महीने के अंत में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. लेकिन नई सीरियाई संसद के चुनाव की प्रक्रिया बिल्कुल भी आसान नहीं है और इसमें कई विवाद भी हैं. सीरिया में असद शासन को उखाड़ फेंके लगभग एक साल हो गया है.एक साल बाद भी, अल-शरा की अंतरिम सरकार द्वारा आम चुनाव नहीं कराए गए हैं. चुनाव आयोग ने रविवार को घोषणा की कि 5 अक्टूबर को एक  ट्रांजिशनल कैबिनेट के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित की जाएगी. यह चुनाव प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये चुनाव बिना किसी राजनीतिक दल के हो रहे हैं और जनता की प्रत्यक्ष भागीदारी के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया है, जिससे इनके लोकतांत्रिक स्वरूप पर सवाल उठ रहे हैं.

ट्रांजिशनल कैबिनेट का गठन

एचटीएस (HTS) के सत्ता में आने के बाद सीरियाई पीपुल्स असेंबली भंग कर दी गई थी. अब आम चुनावों की घोषणा के बिना एक ट्रांजिशनल कैबिनेट का गठन किया जा रहा है. यह मंत्रिमंडल अगले पांच वर्षों तक देश पर शासन करेगा. इस बीच बांग्लादेश में तख्तापलट के दो साल से भी कम समय बाद आम चुनाव हो रहे हैं। इससे अल-शरा की मंशा पर सवाल उठते हैं.

मंत्रियों का चयन कैसे होगा?

इस मंत्रिमंडल के लिए कोई आम चुनाव नहीं होंगे. इसमें 210 सांसद होंगे, जिनमें से 140 चुनाव आयोग की देखरेख वाली स्थानीय समितियों द्वारा नामित होंगे, और 70 राष्ट्रपति अहमद अल-शरा द्वारा सीधे चुने जाएंगे. सीरियाई चुनाव आयोग ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि यह प्रक्रिया 5 अक्टूबर को सीरियाई प्रांतों के चुनावी ज़िलों में आयोजित की जाएगी. हालांकि आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सभी प्रांत इसमें भाग लेंगे या नहीं.

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द्रुज़ और कुर्द-नियंत्रित क्षेत्रों में चुनाव नहीं

अगस्त के अंत में शरा सरकार ने घोषणा की कि सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति के कारण द्रुज़-बहुल स्वेइदा प्रांत और कुर्द-नियंत्रित रक्का और हसाकेह क्षेत्रों में चुनाव स्थगित कर दिए जाएंगे. जुलाई में स्वेइदा में घातक झड़पें बढ़ गईं, जिसके कारण इज़राइल ने हस्तक्षेप किया और सीरिया में हवाई हमले किए. मार्च में अपनाई गई संवैधानिक घोषणा के अनुसार संक्रमणकालीन संसद का कार्यकाल 30 महीने का होगा. यह स्थायी संविधान को अपनाने और नए चुनाव होने तक कार्य करेगी.

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