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चीन के इस फोन को नहीं हैक कर पाएगा दुनिया का कोई भी देश, वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने किया बड़ा दावा

Nicols Maduro: राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने एक बड़ा दावा किया है। निकोलस मादुरो ने कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां (US intelligence agencies) ​​उनके फोन तक नहीं पहुँच पा रही हैं।

By: Divyanshi Singh | Published: September 4, 2025 1:53:50 PM IST



Huawei Mate X6: अमेरिका और वेनेजुएला (US Venezuela tensions) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (President Nicolas Maduro) ने एक बड़ा दावा किया है। निकोलस मादुरो ने कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां (US intelligence agencies) ​​उनके फोन तक नहीं पहुँच पा रही हैं। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मादुरो ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा उन्हें उपहार में दिया गया हुआवेई मेट एक्स6 (Huawei Mate X6) स्मार्टफोन दिखाया।और कहा कि यह दुनिया का सबसे सुरक्षित और बेहतरीन फोन है।

2024 में लॉन्च हुआ था Mate X6

निकोलस मादुरो की माने तो, “अमेरिका इस फ़ोन को न तो अपने जासूसी विमानों से और न ही उपग्रहों से हैक कर सकता है। Mate X6 मॉडल 2024 में लॉन्च हुआ था और अपने फोल्डेबल डिज़ाइन और नए ऑपरेटिंग सिस्टम HarmonyOS के कारण चर्चा में रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

हालांकि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के इस दावे से सुरक्षा विशेषज्ञ सहमत नही हैं। विशेषज्ञों की माने तो Huawei के फ़ोन को हैक करना अमेरिका के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है। वहीं नई तकनीक के कारण इसमें कई कमज़ोरियाँ हो सकती हैं। कंपनी ख़ुद हार्डवेयर और HarmonyOS बनाती है, इसलिए शुरुआती दौर में इसमें सुरक्षा खामियां ज़्यादा हो सकती हैं।

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iOS और Android जैसे सिस्टम कई सालों से ज़्यादा परिपक्व और सुरक्षित रहे हैं। Huawei नियमित अपडेट जारी करता है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ये पैच सभी मॉडलों पर समय पर उपलब्ध होंगे। अगस्त 2024 में, कंपनी ने 60 सुरक्षा खामियों को ठीक किया, जिनमें से 13 को गंभीर माना गया।

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Huawei और अमेरिका विवाद

वहीं आपको बता दें कि चीन की टेक कंपनी  हुआवेई और अमेरिका के बीच विवाद नया नहीं है। 2014 में एडवर्ड स्नोडेन के खुलासे से पता चला कि अमेरिकी एजेंसी एनएसए ने चीन में हुआवेई के सर्वरों तक पहुंच बना ली थी। उनका लक्ष्य हुआवेई उत्पादों के ज़रिए दुनिया भर के नेटवर्क पर नज़र रखना था। हाल ही में चीन ने फिर से अमेरिका पर साइबर हमलों का आरोप लगाया, जिसमें उसके महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।

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