Home > छत्तीसगढ़ > रायपुर में गणपति मूर्तियों पर विवाद: हिंदू समाज ने जताई आपत्ति, बोला– “AI और कार्टून स्वरूप से परंपराओं का मज़ाक” मूर्तियों का तुरंत विसर्जन किया जाए

रायपुर में गणपति मूर्तियों पर विवाद: हिंदू समाज ने जताई आपत्ति, बोला– “AI और कार्टून स्वरूप से परंपराओं का मज़ाक” मूर्तियों का तुरंत विसर्जन किया जाए

Chhattisgarh News: राजधानी रायपुर में गणेश प्रतिमाओं के नए डिज़ाइन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों का कहना है कि “AI गणेश”, “क्यूट गणेश” और “ट्रेंडिंग गणेश” जैसे नामों का इस्तेमाल और इन प्रतिमाओं का स्वरूप सनातन धर्म का अपमान है।

By: Mohammad Nematullah | Published: September 2, 2025 9:45:52 AM IST



दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट, Chhattisgarh News: राजधानी रायपुर में गणेश प्रतिमाओं के नए डिज़ाइन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों का कहना है कि “AI गणेश”, “क्यूट गणेश” और “ट्रेंडिंग गणेश” जैसे नामों का इस्तेमाल और इन प्रतिमाओं का स्वरूप सनातन धर्म का अपमान है। आज संगठन के सदस्यों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और ऐसी मूर्तियों को विसर्जित करने की मांग की।

AI तकनीक से बनी गणेश प्रतिमा

रायपुर के लाखे नगर इलाके में इस वर्ष पहली बार एक ऐसी गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है जिसे AI तकनीक के जरिए डिजाइन किया गया है। इसमें आंखों की पलकें खुलने-बंद होने की व्यवस्था भी है। यह पंडाल लोगों का खासा ध्यान खींच रहा है। आयोजकों का दावा है कि इस तकनीकी संगम का मकसद भक्तों को आकर्षित करना और आधुनिकता के साथ परंपरा को जोड़ना है।

सोशल मीडिया पर वायरल “क्यूट गणेश”

रायपुर के कई पंडालों में रखी गई छोटी और प्यारी गणेश प्रतिमाएं सोशल मीडिया पर धूम मचा रही हैं। इंस्टाग्राम रील्स और पोस्ट में “Raipur ke 6 sabse cutest Ganpati Bappa” और “Must-see cutest Ganesh idols in Raipur” जैसे शीर्षक वायरल हो रहे हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि गणेश प्रतिमाओं का “मनोरंजन” के रूप में प्रचार-प्रसार धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। उनका कहना है कि पारंपरिक स्वरूप से खिलवाड़ करना गलत है और प्रशासन को ऐसे आयोजनों पर रोक लगानी चाहिए। विवाद को देखते हुए रायपुर पुलिस ने संबंधित आयोजकों से बातचीत शुरू कर दी है। फिलहाल पंडालों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है, और प्रशासन लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की अपील कर रहा है।

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हिंदू संगठनों और संत समाज ने कड़ा विरोध जताया

शहर के कुछ पंडालों में गणेश जी की ऐसी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिन्हें कार्टून, बेबी डॉल, और ऑफ-शोल्डर जैसे आधुनिक और गैर-परंपरागत रूपों में बनाया गया है। इन प्रतिमाओं को लेकर हिंदू संगठनों और संत समाज ने कड़ा विरोध जताया है और इसे सनातन धर्म के अपमान से जोड़कर देखा है।विरोध प्रदर्शन के तहत समस्त हिंदू संगठन और संत समाज ने रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति दर्ज की है। संगठनों ने इन प्रतिमाओं को तत्काल हटाने और उनका विसर्जन करने की मांग की है। साथ ही, इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की गई है गणेशोत्सव के दौरान रायपुर के विभिन्न पंडालों में गणेश जी की प्रतिमाएं भक्तों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होती हैं। इस बार भी शहर में भव्य और रचनात्मक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनमें पर्यावरण के प्रति जागरुकता और सामाजिक संदेशों को दर्शाने वाली थीम्स शामिल हैं।

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हालांकि, कुछ पंडालों में गणेश जी की प्रतिमाओं को कार्टून, बेबी डॉल, और ऑफ- शोल्डर जैसे आधुनिक और गैर-परंपरागत रुपों में बनाया गया है। इन प्रतिमाओं में गणेश जी को आधुनिक परिधानों, जैसे जींस, टी-शर्ट, या ऑफ-शोल्डर ड्रेस में दर्शाया गया है, जो परंपरागत रूप से स्वीकार्य गणेश प्रतिमाओं से बिल्कुल अलग है। इस विवाद ने रायपुर में गणेशोत्सव के उत्साह पर असर डाला है। एक तरफ जहां भक्त गणेश जी की भक्ति में लीन हैं, वहीं दूसरी ओर यह विवाद धार्मिक भावनाओं को लेकर तनाव पैदा कर रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा है, जहां लोग दो पक्षों में बंट गए हैं।कुछ लोग इन गैर-परंपरागत प्रतिमाओं को रचनात्मकता का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि अधिकांश इसे धार्मिक अपमान के रूप में देख रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “गणेशोत्सव में रचनात्मकता का स्वागत है, लेकिन धर्म का अपमान अस्वीकार्य है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “य लोगों की नासमझी है, कहना गलत है।” इस तरह की बहस ने सामाजिक माहौल को और गर्म कर दिया है।

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