Bihar voter list: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मतदाता अधिकार यात्रा के तहत कई शहरों में इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है। अब रविवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस मुद्दे पर फिर से कई गंभीर सवाल उठाए। पवन खेड़ा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 89 लाख शिकायतें दी हैं। लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि राजनीतिक दलों की ओर से कोई शिकायत नहीं आ रही है।
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कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को 89 लाख शिकायतें दीं: कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा
एआईसीसी मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा, चुनाव आयोग अपने ‘सूत्रों’ के ज़रिए खबरें प्लांट कराता रहता है कि किसी भी राजनीतिक दल की ओर से कोई शिकायत नहीं आ रही है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को 89 लाख शिकायतें दी हैं। जब हमारे बीएलए शिकायत लेकर जाते हैं, तो उनकी शिकायतें नहीं ली जातीं। उनसे कहा जाता है कि हम लोगों की शिकायतें लेंगे। ऐसे में राजनीतिक दलों और बीएलए की क्या भूमिका है?
कल आपत्ति दर्ज कराने की आखिरी तारीख है
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि कल 1 सितंबर है, चुनाव आयोग में SIR के तहत शिकायत दर्ज कराने की आखिरी तारीख। ऐसे में हमारे बीएलओ ने बिहार के नागरिकों के आवेदन दर्ज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीएलओ ने सभी के आवेदन एकत्र करके जिला अध्यक्षों के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिए हैं। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि हमने जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दे दी है। इसकी रसीद भी हमारे पास है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि बिहार में कुल 90,540 बूथों पर 65 लाख वोट काटे गए। इलेक्शन कमीशन ने नाम काटने के 4 कारण बताए।
- पलायन के कारण 25 लाख नाम हटाए गए
- मृतकों के 22 लाख नाम हटाए गए
- पते से अनुपस्थित होने के कारण 9,70,000 नाम हटाए गए
- पूर्व में कहीं और पंजीकृत होने के कारण 7 लाख नाम हटाए गए
बिहार मतदाता सूची से हटाए गए नामों का आँकड़ा प्रस्तुत करते हुए पवन खेड़ा ने कहा-
जिन बूथों पर 100 से ज़्यादा नाम हटाए गए हैं उनकी संख्या 20368200 है। जिन बूथों पर नाम हटाए गए हैं उनकी संख्या 19887 है। 613 बूथों पर 70% से ज़्यादा नाम महिलाओं के हैं। 635 बूथ ऐसे हैं जहाँ प्रवासी श्रेणी में हटाए गए 75% से ज़्यादा नाम महिलाओं के हैं। 7,931 बूथों पर 75% नाम हटाकर मृत श्रेणी में डाल दिए गए हैं।
घर-घर जाकर सत्यापन फिर से ज़रूरी: पवन खेड़ा
इन सभी आँकड़ों की दोबारा जाँच करना बेहद ज़रूरी है। इतने बड़े पैमाने पर लोगों के नाम एक पैटर्न के तहत काटे गए हैं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “ऐसे लाखों मामले हैं जिनमें एक ही मतदाता को दो EPIC नंबर दिए गए हैं। हमारे पास उनकी रसीदें भी हैं, अब इससे इनकार नहीं किया जा सकता। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे द्वारा दिए गए आंकड़ों का दोबारा सत्यापन करके उसकी जाँच करे। इन गलतियों को सुधारने के लिए फिर से ‘डोर टू डोर’ सत्यापन की सख्त ज़रूरत है।”